नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, थकान और अनिद्रा आम समस्या बन गई है। लेकिन योगासन का अभ्यास कर इन समस्याओं की छुट्टी की जा सकती है। विपरीत करनी भी एक ही आसन है, जिसके अभ्यास से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और तनाव, अनिद्रा समेत कई समस्याएं दूर होती हैं।
आयुष मंत्रालय विपरीत करनी आसन को दिनचर्या में शामिल कर नियमित अभ्यास की सलाह देता है। यह तनाव और अनिद्रा से राहत देता है, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, दिमाग को शांत करता है और पूरे शरीर को स्वस्थ करता है।
विपरीत करनी को ‘लेग्स अप द वॉल पोज’ भी कहते हैं। इसमें पैरों को दीवार पर टिका कर लेटना होता है। यह आसन शुरुआती लोगों के लिए भी आसान है और घर पर आसानी से किया जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना 5-10 मिनट के अभ्यास से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
विपरीत करनी आसन के अभ्यास से कई फायदे मिलते हैं। पैर ऊपर होने से खून का प्रवाह हृदय की ओर आसानी से होता है। वैरिकोज वेन्स और पैरों की सूजन कम होती है। दिमाग में ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ती है, जिससे स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) कम होता है। सोने से पहले करने पर गहरी नींद आती है। दिमाग शांत होता है। पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, इससे कब्ज और अपच में आराम मिलता है। सिर नीचे होने से ब्रेन का रक्त संचार बढ़ता है, सिरदर्द, माइग्रेन में राहत मिलती है। लंबे दिन की थकान पैरों में जमा होती है, इस आसन से आराम मिलता है।
योग एक्सपर्ट विपरीत करनी आसन के अभ्यास को सही तरीके से करने की विधि बताते हैं। इसके लिए सबसे पहले दीवार के पास फर्श पर चटाई बिछाएं। कूल्हों को दीवार से सटा कर लेटें फिर पैरों को ऊपर की ओर दीवार पर टिका दें, शरीर एल आकार में हो। हाथों को किनारे रखें और हथेलियों को ऊपर। आंखें बंद कर गहरी सांस लें और इसमें 5-10 मिनट तक रहें।
एक्सपर्ट कुछ सावधानी रखने की भी सलाह देते हैं। गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों, गर्दन या कमर दर्द से परेशान लोगों को एक्सपर्ट की देखरेख में ही विपरीत करनी आसन का अभ्यास करना चाहिए। जिनकी हाल ही में पेट की सर्जरी हुई हो, उन्हें यह योगासन नहीं करना चाहिए।

