नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वोटर लिस्ट से एक भी वोटर का नाम कटता है तो यह लोकतंत्र की हत्या जैसा है।
रविवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उन सवालों को सही बताया है, जिन्हें तेजस्वी ने चुनाव आयोग से पूछा।
तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में उनका नाम गायब है और पुनरीक्षण प्रक्रिया में जानबूझकर धांधली की जा रही है। तेजस्वी ने निर्वाचन आयोग से तत्काल उन सभी मतदाताओं की सूची कारण सहित बूथवार उपलब्ध कराए जाने की मांग की है, जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। साथ ही यह सवाल उठाया कि स्थायी पलायन और मृतकों के नाम हटाने का आधार क्या है।
मनोज कुमार झा ने तेजस्वी के सवालों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं, जैसे कि पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और डेटा उपलब्ध न कराना। उन्होंने विशेष रूप से पूछा कि स्थायी पलायन का आधार क्या है और मृतकों के नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र लिया गया या नहीं?
उन्होंने कहा कि आयोग वेरिफिकेशन की पृष्ठभूमि ठीक नहीं कर रहा है। हालांकि आयोग बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर यह दावा जरूर कर रहा है कि एक भी आपत्ति 24 घंटे में नहीं आई।
मनोज झा ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक की जीत का दावा किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक भी वोटर का नाम मतदाता सूची से कटता है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है, और एनडीए को इसकी कोई चिंता नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का उदाहरण देते हुए भाजपा और चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए। इसे लोकतंत्र के लिए नकारात्मक तस्वीर बताया।
वहीं, चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में मौजूद है, जिसमें उनकी फोटो, उम्र, पिता का नाम और मकान नंबर दर्ज है। आयोग ने यह भी कहा कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय है, जिससे छूटे हुए नाम जोड़े जा सकते हैं।