इस्लामाबाद
कश्मीर में खून बहाने वाले अलगाववादी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक को पाकिस्तान की सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा मिला है। उसे देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने अनवार-उल-हक काकड़ का सलाहकार बनाया गया है। मानवाधिकार और महिला मामलों पर वह पीएम की सलाहकार के तौर पर काम करेंगी और उनका दर्जा मंत्री का होगा। कश्मीर के खूंखार अलगाववादी यासीन मलिक की पत्नी को पाकिस्तान की सरकार में यह रुतबा मिलना चिंता बढ़ाने वाला है। इस बीच हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यासीन मलिक की पत्नी का पाकिस्तान से क्या कनेक्शन है और दोनों की शादी कैसे हुई थी।
लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से ग्रैजुएशन करने वाली मुशाल मलिक की 2005 में यासीन मलिक से मुलाकात हुई थी, जब वह पाकिस्तान के दौरे पर गया था। इस दौरान एक कार्यक्रम में यासीन मलिक ने भाषण दिया था और फैज अहमद फैज की शायरी भी पढ़ी थी। कहा जाता है कि उसके इस भाषण पर ही मुशाल ऐसी फिदा हुई थी कि यासीन को दिल दे बैठी। कार्यक्रम के बाद उसने यासीन मलिक का ऑटोग्राफ लिया और फिर दोनों की बातें होने लगीं। अंत में दोनों परिवारों की सहमति से फरवरी, 2009 में मुशाल और यासीन मलिक की रावलपिंडी में शादी हो गई। उसी साल सितंबर में मुशाल भारत भी आई थी। शादी के दौरान मुशाल 24 साल की थी, जबकि यासीन मलिक 44 का था।
मुशाल मलिक पाकिस्तान के बेहद प्रभावशाली परिवार से आती है। उसकी मां रेहाना हुसैन मलिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के महिला मोर्च की महासचिव रही हैं। उसके पिता एम.ए हुसैन मलिक अंतरराष्ट्रीय ख्याति रखने वाले अर्थशास्त्री रहे हैं। उन्होंने नोबेल पुरस्कार की ज्यूरी में भी रखा गया था। फिलहाल वह यासीन मलिक से पैदा अपनी बेटी रजिया सुल्ताना के साथ ही इस्लामाबाद में रहती है। रजिया सुल्ताना की उम्र 12 साल है। वॉशिंगटन के एक कॉलेज में मुशाल के भाई हैदर अली हुसैन लेक्चरर हैं। उसकी बहन सबीन हुसैन मलिक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
कौन हैं काकड़, जिन्हें शहबाज की जगह मिला पीएम पद
बता दें कि यासीन मलिक इन दिनों जेल में बंद है। उसे 2019 में टेरर फंडिंग केस में अरेस्ट किया गया था। बीते साल मई में ही यासीन मलिक को दिल्ली की एक अदालत ने टेरर फंडिंग केस में दोषी करार दिया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि पाक के पीएम शहबाज शरीफ पद से हट गए हैं और आम चुनाव के लिए अनवार-उल-हक काकड़ को कार्यवाहक पीएम बनाया गया है। वह बलूचिस्तान के रहने वाले हैं, लेकिन पश्तून हैं। काकड़ बलूचिस्तान अवामी पार्टी के नेता हैं। पाकिस्तान में इसी साल के अंत तक चुनाव हो जाने हैं। इस सरकार का कार्यकाल 12 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है। इसीलिए कार्यवाहक सरकार का गठन हुआ है।