यमुना को स्वच्छ करने के लिए डेटा-ड्रिवन और वैज्ञानिक समाधान अपना रही दिल्ली सरकार: सिरसा

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नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में पर्यावरण विभाग ने मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने की। बैठक में टेरी की यमुना में माइक्रोप्लास्टिक और फोमिंग के स्तर के कारणों पर की गई विस्तृत स्टडी पर चर्चा हुई।

टेरी के विशेषज्ञों ने मंत्री के समक्ष यमुना के पानी की गुणवत्ता पर विस्तृत जानकारी दी, जिसमें सर्फैक्टेंट्स, ऑर्गेनिक प्रदूषण, अमोनिया और माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा शामिल थी। इस अवसर पर पर्यावरण, उद्योग, स्वास्थ्य, जल एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

अध्ययन के लिए टेरी ने दिल्ली हिस्से में यमुना और उससे जुड़े प्रमुख नालों, औद्योगिक इलाकों और एसटीपी के लगभग 50 मुख्य स्थानों से करीब 100 सैंपल लिए। रिपोर्ट में यह सामने आया कि कुछ जगहों पर बिना ट्रीट किया हुआ सीवेज, औद्योगिक अपशिष्ट और ठोस कचरा यमुना में फोमिंग, केमिकल प्रदूषण और माइक्रोप्लास्टिक बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं। रिपोर्ट में एडवांस ऑक्सिडेशन प्रोसेस, बायोलॉजिकल ट्रीटमेंट और बेहतर मॉनिटरिंग जैसी तकनीकें अपनाने की सलाह दी गई हैं।

सिरसा ने कहा, “मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार यमुना की सफाई को सबसे बड़ी प्राथमिकता मानते हुए वैज्ञानिक और डेटा आधारित कदम तेजी से उठा रही है। टेरी की रिपोर्ट के आधार पर माइक्रोप्लास्टिक, फोमिंग और बाकी प्रदूषकों से निपटने के लिए सीवेज, उद्योग, ठोस कचरा और जन-जागरूकता पर एक साथ काम करना होगा।”

टेरी ने विभागवार एक्शन प्लान भी प्रस्तुत किया, जिसमें एसटीपी और सीईटीपी को एडवांस तकनीकों से अपग्रेड करने, स्थानीय स्तर पर छोटे एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट बनाने, गैर-अनुपालन करने वाली यूनिट्स पर कड़ी कार्रवाई करने, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने, संवेदनशील इलाकों में नियमित हेल्थ सर्वे कराने और रियल-टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड तैयार करने की सिफारिशें शामिल थीं।

मंत्री ने कहा, “दिल्ली सरकार इन सिफारिशों का गहराई से विश्लेषण कर संबंधित विभागों के जरिए जमीन पर ऐसे कदम लागू करेगी जिससे यमुना के पानी की गुणवत्ता में वास्तविक सुधार दिखाई दे।” उन्होंने पर्यावरण, उद्योग, जल बोर्ड, स्वास्थ्य, नगर निगम और शहरी विकास विभाग को तय समय में एक्शन प्लान तैयार करने, प्राथमिक हॉटस्पॉट पहचानने और नियमित प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

सिरसा ने आगे बताया कि यमुना सफाई के लिए सभी मुख्य विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए एक विशेष कोऑर्डिनेशन सेल/कमेटी बनाई जाएगी, ताकि योजनाओं की प्लानिंग, क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग बिना देरी के हो सके। उन्होंने कहा, “मैंने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे मिलकर काम करें और प्रक्रिया में आने वाली रुकावटों को हटाएं, ताकि दिल्ली के लोगों को जमीन पर जल्द से जल्द साफ नजर आने वाले परिणाम मिलें।”