नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने श्रम कानूनों को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जब आप बिना किसी मजदूर संघ से परामर्श लिए श्रम कानूनों में बदलाव कर देते हैं, तो विरोध-प्रदर्शन होना लाजिमी है। आप बिना किसी परामर्श के ही कानून बदल देते हैं। इस सरकार की यही समस्या है। ये लोग वही कदम उठाते हैं, जिससे लोगों के हितों पर कुठाराघात पहुंचे। सरकार को चाहिए कि कोई भी कानून लाने से पहले सभी संबंधित पक्षकारों से संवाद करे। लेकिन, आज तक इस सरकार ने संवाद करने की जरूरत नहीं समझी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के संबंध में उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं है कि उनके बयान का स्रोत क्या है। मुझे लगता है कि यह बयान पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। ऐसी स्थिति में मैं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदलने पर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि जो कोई भी सार्वजनिक जीवन में आता है, वो मूल रूप से सेवा का ही काम करता है। हम लोग शब्दों में ज्यादा उलझ रहे हैं। इसके विपरीत कामों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर हम लोगों के हितों में कदम उठाने की दिशा में ध्यान देंगे, तो निश्चित तौर पर आगे चलकर स्थिति बेहतर होगी, लेकिन यह अफसोस की बात है कि हम स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके विपरीत शब्दों में ही उलझकर रह जा रहे हैं, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में ये लोग संचार साथी ऐप लेकर आ गए हैं। ये लोग लगातार ऐसे कदम उठाते हैं, जिससे लोगों में डर पैदा होता है। मैं इन लोगों से यही कहना चाहूंगा कि जनता के मन में डर पैदा करने का काम मत कीजिए।

