झारखंड के गिरिडीह और कोडरमा में रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मी गिरफ्तार

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रांची, 2 मई (आईएएनएस)। झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की अलग-अलग टीम ने शुक्रवार को गिरिडीह और कोडरमा जिले में दो सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

राज्य में पिछले 10 दिनों के भीतर रिश्वत लेने के मामलों में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को एसीबी ने पहली कार्रवाई गिरिडीह जिले के धनवार खोरीमहुआ अनुमंडल में भूमि सुधार उपसमाहर्ता (एलआरडीसी) कार्यालय में की। यहां पदस्थापित लिपिक मनीष भारती को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह एक रैयत इलाही मियां से 10 हजार रुपए बतौर घूस ले रहा था।

बताया गया कि इलाही मियां ने कुछ माह पहले खरीदी गई एक जमीन के म्यूटेशन के लिए आवेदन दाखिल किया था, लेकिन इस पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। मामला एलआरडीसी ऑफिस में पेंडिंग चल रहा था। वहां कार्यरत लिपिक मनीष भारती म्यूटेशन की फाइल निपटाने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था।

इलाही मियां ने इसकी जानकारी एसीबी की धनबाद इकाई को दी। इसके बाद एसीबी ने ट्रैप लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की इस कार्रवाई से अनुमंडल कार्यालय में हड़कंप मच गया।

दूसरा मामला कोडरमा के अंचल कार्यालय का है। यहां एसीबी की हजारीबाग इकाई की टीम ने राजस्व कर्मचारी सुरेंद्र प्रसाद को एक रैयत से 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। कोडरमा के बेकोबार गांव निवासी बहादुर राणा ने हजारीबाग एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि राजस्व कर्मी सुरेंद्र प्रसाद उनकी जमीन से संबंधित कार्य के लिए पैसे की मांग कर रहा है।

एसीबी ने सुरेंद्र प्रसाद को घूस लेते हुए गिरफ्तार करने के बाद उसके आवास पर छापेमारी भी की। एसीबी की टीम सुरेंद्र प्रसाद को हजारीबाग ले जाकर पूछताछ कर रही है।

इससे पहले 29 अप्रैल को राज्य के पाकुड़ जिले में एसीबी ने जमशेरपुर पंचायत के पंचायत सचिव वतन कुमार को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा था। उसने सिंचाई कूप निर्माण योजना के लिए एक लाभार्थी से 20 हजार रुपए की मांग की थी।

सरायकेला-खरसावां जिले में 28 अप्रैल को ग्रामीण विकास विभाग प्रमंडल के हेड क्लर्क खेत्र मोहन महतो को अनुकंपा के आधार पर नौकरी कर रहे एक कर्मी से 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम