रांची, 11 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने झारखंड के एक बड़े हथियार जब्ती मामले में फरार आरोपी मंटू शर्मा को सजा सुनाई है। बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला मंटू शर्मा प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) से जुड़ा था। उसे 3 से 15 साल तक की कठोर कारावास की सजा दी गई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है।
यह मामला अगस्त 2012 का है, जब झारखंड पुलिस ने सिलोदर वन क्षेत्र में छापा मारकर सीपीआई (माओवादी) के सदस्य प्रफुल्ल कुमार मालाकार को गिरफ्तार किया था। उसके पास से अमेरिका में बनी एम-16 राइफल, 14 जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल फोन और एक बुलेटप्रूफ जैकेट मिली थी।
पूछताछ में मालाकार ने बताया कि वह हथियार अनिल कुमार यादव को बेचने जा रहा था, जो संगठन का जोनल कमांडर था। इसके बाद यादव को भी पकड़ा गया, जिसके पास से 9 एमएम पिस्तौल, 2 कारतूस, 9 लाख रुपये नकद और 2 मोबाइल फोन बरामद हुए।
एनआईए ने दिसंबर 2012 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली। 2014 से 2017 के बीच तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। पिछले साल दिसंबर में मालाकार और यादव को 15-15 साल की सजा सुनाई गई थी। अब मंटू शर्मा को भी सजा दी गई, जो फरार है।
एनआईए की जांच में पता चला कि मंटू शर्मा माओवादियों को अवैध हथियार और गोला-बारूद सप्लाई करता था। वह मालाकार और यादव के साथ मिलकर काम कर रहा था। कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आर्म्स एक्ट, यूए(पी) एक्ट और सीएलए एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।