नोएडा, 10 मार्च (आईएएनएस)। डब्ल्यूटीसी नोएडा प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले हजारों बायर्स को उनके सपनों का आशियाना नहीं मिल पाया है। इन बायर्स ने अपनी जीवनभर की जमापूंजी लगाई, लेकिन अब भी वे अपने निवेश पर ठगे महसूस कर रहे हैं। इस परियोजना से जुड़े बायर्स ने अपनी परेशानियों को उजागर किया।
उन्होंने बताया कि डब्ल्यूटीसी नोएडा के डायरेक्टर आशीष भल्ला ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये और 20,000 से अधिक खरीदारों और निवेशकों को धोखा दिया है। विभिन्न प्रोजेक्ट्स जैसे टेक 1 और 2, 1डी, 1ई, सिग्नेचर टेक – जोन, प्लाजा, क्वॉड, क्यूबिक और रिवरसाइड रेजिडेंसी में निवेश करने वालों को अब तक उनका हक नहीं मिला है।
बायर्स ने आरोप लगाया कि आशीष भल्ला एक आदतन अपराधी हैं, जिन्होंने पहले एएन बिल्डवेल कंपनी के जरिए धोखाधड़ी की थी। उनकी रणनीति होती है कि वह डब्ल्यूटीसी एसोसिएशन यूएसए से फ्रेंचाइजी लेकर भारत में इन्वेस्टर क्लीनिक और विदेशों में स्क्वायर यार्ड्स जैसी कंपनियों के जरिए प्रोजेक्ट बेचते हैं। इन प्रॉपर्टी एजेंट्स के माध्यम से डब्ल्यूटीसी नोएडा के प्रोजेक्ट को डब्ल्यूटीसी यूएसए प्रोजेक्ट बताकर बेचा जाता है और खरीदारों से भारी प्रीमियम लिया जाता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार डब्ल्यूटीसी यूएसए और डब्ल्यूटीसी नोएडा (वैरिएशन रेड) के बीच कोई संबंध ही नहीं है। बावजूद इसके, बायर्स को धोखे में रखा गया। आशीष भल्ला ने खरीदारों का सारा पैसा शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और कोई भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। बायर्स ने बताया कि उन्होंने रेरा, उपभोक्ता अदालत, हाईकोर्ट और एनसीएलटी सहित कई जगहों पर शिकायतें दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
नोएडा प्रशासन और अन्य सरकारी एजेंसियां भी जिम्मेदारी लेने से बच रही हैं। बायर्स ने बताया कि 27 से अधिक मामलों की सुनवाई के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। बायर्स ने आरोप लगाया है कि अब भूटानी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट में शेयर खरीदकर एक और बड़ा घोटाला करने की तैयारी कर ली है। भूटानी ग्रुप, डब्ल्यूटीसी नोएडा को भूटानी अल्फातम प्रोजेक्ट में बदलने का प्रयास कर रहा है और बाजार दर से अधिक कीमत वसूलने की योजना बना रहा है।
बायर्स ने बताया कि वे अब तक 13 से अधिक विरोध प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और नेताओं से भी संपर्क किया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने डब्ल्यूटीसी नोएडा और आशीष भल्ला-भूटानी ग्रुप के 12 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 3,500 करोड़ रुपये के अवैध दस्तावेज बरामद हुए और सिंगापुर में फंड ट्रांसफर का खुलासा हुआ। ईडी ने आशीष भल्ला को सात दिन की रिमांड पर लिया है। बायर्स ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार से अपील की है कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में आम जनता को इस तरह के बिल्डर माफिया से बचाया जा सके।