भोपाल, 31 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव का प्रचार थम चुका है। सात चरण में हो रहे चुनाव में प्रचार में किसी भी सियासी दल ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। मध्य प्रदेश में चार चरणों के चुनाव प्रचार में भाजपा से कांग्रेस काफी पीछे रही है।
मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान हुआ। मतगणना चार जून को होने वाली है। राज्य में हुए चुनाव प्रचार पर गौर किया जाए तो एक बात साफ समझ में आती है कि भाजपा ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी।
भाजपा के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई बड़े चेहरे उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करते नजर आए। कांग्रेस की बात की जाए तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी उम्मीदवारों के प्रचार के लिए मध्य प्रदेश पहुंची।
कांग्रेस नेताओं के दौरे बहुत सीमित रहे। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री मोदी ने आठ जनसभाएं और दो रोड शो किए। गृह मंत्री अमित शाह ने चार जनसभाएं, एक रोड शो और एक क्लस्टर की बैठक, बूथ स्तरीय बैठक और प्रबुद्ध जनों के सम्मेलन में हिस्सा लिया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सात जनसभाएं, एक शक्ति केंद्र सम्मेलन और एक प्रबुद्ध जन सम्मेलन में शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छह जनसभा और एक सामाजिक बैठक की। इसके अलावा प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र सिंह और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय पूरे प्रदेश में सक्रिय रहे।
कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान पर गौर किया जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि राहुल गांधी ने पांच जनसभाएं की। प्रियंका गांधी ने एक और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो जनसभा की। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों के प्रचार अभियान में राज्य के नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाजपा की ओर से जहां नई उम्र के नेताओं को वरिष्ठ जनों का सहयोग मिला, वहीं कांग्रेस में पूरी तरह नई पीढ़ी सक्रिय रही।
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