विश्व रंग 2025 में “मेरी भाषा मेरे हस्ताक्षर” अभियान बना वैश्विक भाषाई एकता का प्रतीक

0
10

भोपाल : 2 दिसंबर/ विश्वरंग 2025 में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के एक भारत श्रेष्ठ भारत (EBSB) क्लब द्वारा संचालित “मेरी भाषा मेरे हस्ताक्षर” अभियान इस वर्ष एक वैश्विक आकर्षण के रूप में उभरा। इस अनूठी पहल में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ कई देशों से आए अतिथियों, कलाकारों, लेखकों और विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषाओं में हस्ताक्षर कर भाषाई मैत्री और सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया।

पंडाल में लगाए गए भाषाई सद्भावना हस्ताक्षर-पटल पर हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बांग्ला, उड़िया, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, असमिया और उर्दू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय भाषाओं—सिंहली(श्रीलंका),जापानी (जापान),नेपाली(नेपाल) इंडोनेशियन (इंडोनेशिया), दारी/फारसी (अफगानिस्तान), फ्रेंच, स्पेनिश—में भी उत्साहपूर्वक हस्ताक्षर किए गए।

इससे विश्व रंग की “वैश्विक सांस्कृतिक सद्भावना” की भावना और प्रखर दिखाई दी।

विश्व रंग के संस्थापक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने कहा कि भाषाएं मनुष्यता को जोड़ने वाला सबसे सुंदर सेतु हैं। ‘मेरी भाषा मेरे हस्ताक्षर’ अभियान न केवल भाषाई विविधता का उत्सव है, बल्कि यह उस वैश्विक सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक भी है, जिसे विश्वरंग वर्षों से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

क्लब के संयोजक डॉ. योगेश पटेल ने कहा “मेरी भाषा मेरे हस्ताक्षर अभियान भाषाई गर्व और आत्मीयता का उत्सव है। इस वर्ष विदेशी भाषाओं में किए गए हस्ताक्षरों ने यह साबित कर दिया कि भाषा सीमा नहीं, बल्कि संबंधों का पुल है। हमारा उद्देश्य हर प्रतिभागी को उसकी भाषा के प्रति सम्मान और गर्व से जोड़ना है।”

विदेशी अतिथियों ने इस पहल को विश्व रंग 2025 की सबसे नवाचारपूर्ण और भावनात्मक गतिविधियों में से एक बताया।