ग्रेटर नोएडा, 5 नवंबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण में मंगलवार को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य विभाग और ट्रांसफॉर्मर्स कारखाना बनाए जाने को लेकर एक अहम बैठक हुई। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई और उन पर सैद्धांतिक सहमति भी बनी है। इनमें कूड़ा निस्तारण के लिए पहले चरण में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के 10 गांवों में एमआरएफ सेंटर बनाने पर मुहर लगी।
इसके साथ ही यह भी फैसला हुआ है कि यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-32 में ट्रांसफॉर्मर्स रिपेयर का कारखाना स्थापित किया जाएगा। अभी तक नोएडा और बुलंदशहर में यह कारखाना बना हुआ है।
दरअसल, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अभी तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कोई योजना नहीं थी, इसको लेकर मंगलवार को जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने भारत सरकार के हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय के सीनियर टेक्निकल एडवाइजर ओमेंद्र श्रीवास्तव के साथ यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सभागार कक्ष में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह, एसीईओ श्रुति, विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र सिंह व शैलेंद्र भाटिया, राजेश सिंह आदि अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में बताया गया कि ग्रेटर नोएडा तथा जेवर क्षेत्र के विद्युत संबंधी ट्रांसफॉर्मर्स की रिपेयर का कार्य जनपद बुलंदशहर तथा नोएडा स्थित कारखानों में किया जाता था, जिससे उपभोक्ताओं को सीजन में ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने में विलंब होता था, उसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि यमुना क्षेत्र के सेक्टर-32 में ही ट्रांसफॉर्मर रिपेयर का कारखाना बनाया जाएगा। इस पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है, जिससे शीघ्र ही कारखाना स्थापित होने में मदद मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं को पीक सीजन में ट्रांसफार्मर की उपलब्धता शीघ्रता से हो पाएगी।
इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के नहीं होने के कारण बारिश के सीजन और उसके बाद फैलने वाले संक्रामक रोगों पर सही पर्यवेक्षण न होने के कारण जनता को कष्ट झेलने पड़ते हैं, उसी को देखते हुए, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में हेल्थ विभाग का गठन किया जाएगा तथा जरूरी उपकरण जैसे फॉगिंग मशीन आदि खरीदी जाएंगी। बढ़ते वायु गुणवत्ता को देखते हुए शीघ्र ही 4 स्मोक गन, जो यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में नियमित पानी का छिड़काव करेंगे, जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।