भारत में कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को दिया जा रहा बढ़ावा, 40 पर्यटन परियोजनाओं को मिली मंजूरी

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30 नवंबर, नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्र ने 23 राज्यों में फैली 3,295 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली 40 परियोजनाओं को अपनी मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य कम प्रसिद्ध स्थलों को प्रतिष्ठित स्थलों के रूप में विकसित करना और देश भर में पर्यटकों के बैलेंस डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा देना है।

अधिकारियों ने बताया कि व्यय विभाग के निर्देशों के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए पूंजी निवेश के उद्देश्य से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए थे। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एसएएससीआई के दिशा-निर्देश भेजने के साथ अनुरोध किया था कि वे परियोजना प्रस्ताव तैयार कर मंत्रालय को प्रस्तुत करें।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, 2024 तक 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के कुल 87 परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों और प्रक्रिया या मानदंडों के अनुरूप 23 राज्यों में 3295.76 करोड़ रुपये की लागत से 40 परियोजनाओं को लिस्ट किया। इसके बाद इन परियोजनाओं को व्यय विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई है। कुछ चुनी हुई जगहों में रंग घर, शिवसागर (असम), मत्स्यगंधा झील, सहरसा (बिहार), प्रपोज्ड टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम (गोवा), और ओरछा (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा, “इस पहल का उद्देश्य ज्यादा यातायात वाली जगहों पर दबाव को कम करना और देश भर में पर्यटकों के बैलेंस डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा देना है। कम जाने जाने वाली जगहों पर ध्यान केंद्रित कर मंत्रालय पर्यटन अनुभव को बढ़ाने, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और नई परियोजना के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के जरिए सेक्टर में सस्टेनेबल विकास सुनिश्चित करने की उम्मीद करता है।”

राज्यों को परियोजनाएं पूरी करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। योजनाओं के लिए यह धनराशि मार्च 2026 से पहले जारी कर दी जाएगी।

मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार की यह पहल देश में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास और वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग को लेकर राज्यों को 50 वर्षों के लिए दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगी।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी