श्रीनगर, 14 मार्च (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर शहर में अंजुमन-ए-औकाफ जामिया मस्जिद ने शुक्रवार को अपने अध्यक्ष मौलवी उमर फारूक की कथित नजरबंदी पर गहरी निराशा और खेद व्यक्त किया। उन्हें शुक्रवार का खुतबा देने और ऐतिहासिक मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा करने से रोका गया।
अंजुमन-ए-औकाफ जामिया मस्जिद के प्रमुख मीरवाइज ने एक बयान में कहा, “अधिकारियों द्वारा यह मनमाना और अनुचित कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, जो दुनिया भर के मुसलमानों के लिए आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण महीना है।”
बयान में कहा गया, “जामिया मस्जिद इबादत का केंद्रीय स्थान है, जहां हजारों लोग शुक्रवार की नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं और खुदा से जुड़ने की इबादत करते हैं। मीरवाइज को उनके धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोकना और उनके उपदेशों से लाभ उठाने से श्रद्धालुओं को रोकना लोगों की धार्मिक भावनाओं को बहुत ठेस पहुंचाता है।”
मीरवाइज उमर फारूक हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं।
याद रहे कि दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी (एसीसी) को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
एसीसी की स्थापना दिवंगत मीरवाइज मौलाना मोहम्मद फारूक ने 1963 में थी। 1990 में आतंकवादियों द्वारा मीरवाइज मौलाना मोहम्मद फारूक की हत्या के बाद, उनके बेटे मीरवाइज उमर फारूक ने एसीसी का नेतृत्व किया।
गृह मंत्रालय ने मौलवी मसरूर अब्बास अंसारी की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) पर भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
जेकेआईएम की स्थापना शिया मुस्लिम अलगाववादी नेता दिवंगत मौलवी अब्बास अंसारी ने की थी। उनकी मृत्यु के बाद, उनके बेटे मौलवी मसरूर अब्बास जेकेआईएम के प्रमुख बने। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ये संगठन कानून और व्यवस्था को बाधित करने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं, जिससे देश की एकता और अखंडता को खतरा है। अमित शाह ने कहा कि देश की शांति, व्यवस्था और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेेगाा।