नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कई फिनटेक कंपनियों और स्टार्टअप के प्रमुखों के साथ बैठक की, जिसके दौरान उन्होंने आधिकारिक नियमों का सख्ती से पालन करने और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा को सर्वोपरि महत्व देने पर जोर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई की पृष्ठभूमि में हुई बैठक में गूगल पे, फोनपे, अमेज़ॅन पे और रेजरपे जैसी फिनटेक फर्मों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में भाग लेने वाले शीर्ष सरकारी अधिकारियों में वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी, डीपीआईआईटी सचिव राजेश कुमार सिंह, एमईआईटीवाई (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) सचिव एस. कृष्णन, और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर समेत अन्य शामिल थे।
जबकि सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नियामक मानदंडों के अनुपालन पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उसने यह भी कहा है कि फिनटेक क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखा जाता है और इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं।
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को 29 फरवरी के बाद जमा स्वीकार करने से रोक दिया था। हालांकि, पीपीबीएल के ग्राहकों (व्यापारियों सहित) के हित को ध्यान में रखते हुए इस तिथि को 15 मार्च तक बढ़ा दिया गया था, जिन्हें भुगतान करने के लिए थोड़ा और समय की जरूरत हो सकती है।
आरबीआई के आदेश में कहा गया है, “15 मार्च, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उपकरण, वॉलेट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में किसी भी ब्याज, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप के अलावा कोई और जमा या क्रेडिट लेनदेन या टॉप अप की अनुमति नहीं दी जाएगी। रिफंड जिसे कभी भी जमा किया जा सकता।”
हालांकि, आरबीआई ने एनपीसीआई को पीपीबीएल से उपयोगकर्ताओं को कुछ अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने की संभावना की जांच करने की भी सलाह दी है, ताकि उपभोक्ताओं को अचानक आए व्यवधान के कारण परेशानी न हो।