केरल : सीएम ने कुलपतियों की पुनर्नियुक्ति पर राज्यपाल को लिखा पत्र

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तिरुवनंतपुरम, 1 अगस्त (आईएएनएस)। केरल के राज्यपाल और पदेन कुलाधिपति राजेंद्र वी. आर्लेकर और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के बीच कुलपतियों की पुनर्नियुक्ति को लेकर फिर तकरार देखने को मिल रही है।

राज्यपाल आर्लेकर द्वारा के. शिवप्रसाद और सीजा थॉमस को क्रमश: एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (केटीयू) और डिजिटल विश्वविद्यालय, केरल (डीयूके) के अंतरिम कुलपति के रूप में फिर से नियुक्त करने के कुछ घंटों बाद, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उन्हें पत्र लिखकर निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की।

विजयन सरकार को इस बात से परेशानी हुई है कि अर्लेकर ने पुनर्नियुक्ति के ये आदेश तब जारी किए जब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के राज्यपाल और सरकार से बिना राजनीति और छात्रों के हित को ध्यान में रखकर नियुक्ति के निर्देश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और केरल डिजिटल विज्ञान, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की नियुक्ति राजनीति में शामिल हुए बिना और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए, सामंजस्यपूर्ण ढंग से करने के लिए काम करें।

शिवप्रसाद और थॉमस की नियुक्ति पूर्व राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने की थी, लेकिन 14 जुलाई को उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा उनकी नियुक्तियों को अमान्य ठहराने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था।

लेकिन अर्लेकर ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और वहां से अनुकूल फैसला पाकर शिवप्रसाद और थॉमस दोनों को पुनर्नियुक्त कर दिया। इससे विजयन नाराज हैं, जिन्होंने तुरंत अर्लेकर को एक पत्र लिखकर नियुक्ति रद्द करने का अनुरोध किया।

विजयन ने तर्क दिया कि शुक्रवार को की गई नियुक्तियां सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के विरुद्ध थीं, क्योंकि नियुक्त किए गए लोग राज्य सरकार की सूची में नहीं थे।

राज्य के कानून मंत्री पी. राजीव और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. आर. बिंदु ने भी नियुक्तियों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने के लिए आर्लेकर की आलोचना की है।

वहीं, राज्य सरकार ने अब आर्लेकर द्वारा की गई नियुक्तियों पर कानूनी सलाह मांगी है और सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की संभावना है।