नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। नई दिल्ली स्थित सीबीआई अदालत ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 76 में 13 अप्रैल, 2015 को अंकित चौहान की हत्या से संबंधित मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सीबीआई कोर्ट ने शशांक जादौन और मनोज कुमार को क्रमशः आजीवन कारावास और 70 हजार रुपए और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
अंकित चौहान हत्याकांड में कोर्ट ने 20 सितंबर को आरोपियों को दोषी ठहराया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा हत्या मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित कर दी गई थी और सीबीआई ने 14 जून, 2016 को मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने बताया कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित चौहान की उनकी फॉर्च्यूनर कार में अज्ञात आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच के बाद, सीबीआई ने अपराध का पर्दाफाश किया और दोनों आरोपी शशांक जादौन और मनोज कुमार को 2017 को गिरफ्तार किया।
सीबाआई ने 29 अगस्त, 2017 को गाजियाबाद स्थित न्यायिक न्यायालय में हत्या, डकैती के प्रयास, आपराधिक षड्यंत्र और साक्ष्य नष्ट करने के अपराधों के लिए आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया गया।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्टट ने 2 अगस्त 2019 को मामले की सुनवाई गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से नई दिल्ली स्थानांतरित कर दी थी। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
इसके अलावा, सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। सीबीआई की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव, राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आईआरसीटीसी अधिकारियों, कोचर ब्रदर्स और अन्य समेत कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
सीबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह मामला 5 जुलाई 2017 को दर्ज किया गया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड (एसएचपीएल) के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर आईआरसीटीसी के रांची और पुरी स्थित बीएनआर (बंगाल रेलवे नागपुर) होटलों की लीजिंग में अनियमितताएं कीं।