डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड केस में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, केरल और गुजरात से तीन गिरफ्तार

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले की जांच के तहत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन चक्र-5 के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य उन अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्कों को ध्वस्त करना है जो भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं।

सीबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, एक आरोपी को केरल से और दो आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। एजेंसी ने बताया कि इन गिरफ्तारियों से पहले महत्वपूर्ण डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य बरामद किए गए, जिन्होंने इन आरोपियों की षड्यंत्र में सक्रिय भूमिका को उजागर किया। जांच में यह सामने आया कि ये आरोपी देश के भीतर वित्तीय चैनलों और अन्य सहयोगात्मक नेटवर्क के माध्यम से विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों की मदद कर रहे थे।

सीबीआई ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को पहले केरल और गुजरात की स्थानीय अदालतों में पेश किया गया, जहां से ट्रांजिट वारंट हासिल करने के बाद उन्हें दिल्ली लाया गया और सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया।

इससे पहले, सीबीआई ने पिछले सप्ताह देशभर में करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह अभियान दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में चलाया गया था। कार्रवाई के दौरान एजेंसी को महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य मिले थे। इन साक्ष्यों से यह खुलासा हुआ कि भारत में एक संगठित घरेलू नेटवर्क विदेशी साइबर अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के साथ मिलकर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था।

सीबीआई ने कहा कि एजेंसी साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए इंटेलिजेंस-आधारित सतत कार्रवाई, विभिन्न एजेंसियों के समन्वय, और उन्नत डिजिटल फॉरेंसिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। एजेंसी ने यह भी कहा कि वह ट्रांसनेशनल फ्रॉड नेटवर्क्स को तोड़ने और भारतीय नागरिकों की साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।