केरल भाजपा प्रमुख बोले, ‘मंत्री और टीडीबी सदस्य दें इस्तीफा, सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामले की हो सीबीआई जांच’

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तिरुवनंतपुरम, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) को “बिचौलियों के प्रतिष्ठान में तब्दील कर दिए जाने” का आरोप लगाया और टीडीबी को तत्काल भंग करने, राज्य के देवस्वोम मंत्री वी.एन. वासवन के इस्तीफे और सबरीमाला मंदिर स्वर्ण घोटाला मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की।

उन्होंने यह टिप्पणी राज्य सचिवालय के सामने जुटी भाजपा महिला शाखा के एक विशाल विरोध प्रदर्शन के दौरान कही।

चंद्रशेखर ने कहा, “सबरीमाला से 4.5 किलोग्राम सोने की चोरी कोई छोटी-मोटी चूक नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की निगरानी में भ्रष्टाचार और लूट का एक बड़ा मामला है। हम केंद्र सरकार से इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो या प्रवर्तन निदेशालय को सौंपने का अनुरोध करेंगे।”

प्रदेश भाजपा महासचिव शोभा सुरेंद्रन ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा राज्य सरकार द्वारा “सबरीमाला लूट” के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ेगी।

सुरेंद्रन ने कहा, “जब कांग्रेस नेता सबरीमाला मंदिर में रीति-रिवाजों के उल्लंघन पर टेलीविजन पर बहस कर रहे थे, तब भाजपा कार्यकर्ता मंदिर की परंपराओं की रक्षा के लिए सड़कों पर थे।”

प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष नव्या हरिदास ने कहा कि वर्तमान विरोध प्रदर्शन मंदिर के रीति-रिवाजों और परंपराओं की रक्षा के लिए वर्षों पहले किए गए संघर्ष का ही एक हिस्सा है।

कई महिलाएं, जिन पर पहले हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रार्थना करने के लिए पुलिस मुकदमे दर्ज किए गए थे, भी मौजूद थीं।

हरिदास ने राज्य सरकार के “अयप्पा संगमम” का मजाक उड़ाते हुए उसे “एक खोखला जमावड़ा” बताया और सबरीमाला के नाम पर एकत्रित धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का आरोप लगाया।

जब भाजपा महिला शाखा केरल पुलिस के विशेष जांच दल द्वारा दर्ज की गई दो प्राथमिकियों के मुख्य आरोपी उन्नीकृष्ण पोट्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी, उसी दौरान पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने पोट्टी को राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित उनके आवास से हिरासत में ले लिया।

इसके बाद उनके वकील सस्थमंगलम अजित ने कहा कि उनके मुवक्किल पोट्टी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि किसी को नहीं पता कि वह कहां हैं।

अजित ने आगे कहा, “मैंने एसआईटी प्रमुख रावदा ए. चंद्रशेखर को सूचित किया था कि अगर उन्हें उनके मुवक्किल उन्नीकृष्ण पोट्टी से पूछताछ करने की जरूरत पड़ी, तो वह उनके सामने पेश होंगे। एसआईटी प्रमुख ने जवाब में कहा कि वह मुझे बता देंगे। लेकिन अब कोई नहीं जानता कि पोट्टी कहां है। हम उनको अदालत में पेश किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।”