दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों पर डी-सिंडिकेट की नजर, अलर्ट मोड पर एनसीबी

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नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत में दाऊद इब्राहिम के खिलाफ ड्रग नेटवर्क मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। दानिश चिकना और मोहम्मद सलीम शेख की गिरफ्तारियों ने दाऊद नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है।

खुफिया एजेंसियां महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों में मौजूद नेटवर्क पर नजर बनाए हुए हैं। डी सिंडिकेट भारत के पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में अपने नेटवर्क का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है।

एनसीबी अलर्ट मोड पर है और जिस तरह से ड्रग्स का जाल बिछाने की कोशिश की जा रही है, देश के इन हिस्सों में भी इसी तरह की कार्रवाई तय है। महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में लंबे समय से सिंडिकेट अपना नेटवर्क बिछा रहा है, ऐसे में इन जगहों पर इनका भंडाफोड़ करना जरूरी है।

हालांकि, दाऊद इब्राहिम ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अपना जाल बिछा रखा है। लेकिन, उसका कमांड सेंटर महाराष्ट्र में ही बना हुआ है। इस क्षेत्र में नेटवर्क के लिए काम करने वाले लोग देश भर के काले कारोबार को नियंत्रित करते हैं। यही कारण है कि इन इलाकों में कार्रवाई करके सबसे पहले उनकी कमर तोड़ी जाए। इससे देश के अन्य हिस्सों में डी नेटवर्क कमजोर हो जाएगा।

पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में नार्को का संचालन फिलहाल हाजी सलीम द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है। हाजी सलीम आईएसआई का एक गुर्गा और दाऊद नेटवर्क का सदस्य है। छोटा शकील को दाऊद का दाहिना हाथ कहा जाता है और फिलहाल वह शांत है। ऐसे में सलीम डी-सिंडिकेट में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम को अंतर्राष्ट्रीय शाखा का प्रभारी बनाए जाने के बाद भारतीय बाजारों की जिम्मेदारी काफी हद तक सलीम पर आ गई है। अनीस खासतौर से अफ्रीकी देशों में नशे के खौफनाक कारोबार को आगे बढ़ा रहा है।

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आईएसआई और सिंडिकेट ने अब सलीम को दक्षिणी और पूर्वोत्तर क्षेत्र पर पूरा फोकस करने की जिम्मेदारी दी है। बांग्लादेश के आईएसआई के लिए पूरी तरह से खुलने के साथ, सिंडिकेट को इस क्षेत्र में और भी संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।

दक्षिण में, सिंडिकेट का नेटवर्क मौजूद है। हालांकि, इस नेटवर्क का फोकस देश से बाहर ड्रग्स की तस्करी पर है। नशीले पदार्थों की तस्करी पहले दक्षिणी राज्यों, खासकर केरल और तमिलनाडु में की जाती थी, और बाद में श्रीलंका के रास्ते थाईलैंड जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में।

एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी का कहना है कि सिंडिकेट भारतीय बाजार में प्रवेश करने से पहले श्रीलंका के रास्ते और अधिक ड्रग्स लाने की भी योजना बना रहा है। भारत में मांग ज्यादा होने की वजह से सिंडिकेट की नजर अंतरराष्ट्रीय बाजार में ना होकर यहां है।