नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के करोल बाग इलाके में रहने वाले एक 32 वर्षीय युवक से हैरान करने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। यहां ठग ने खुद को एटीएस प्रमुख बताकर 10 लाख रुपए की ठगी की है। आरोपी ने युवक पर 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी (धारा 318(4), बीएनएस) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि 13 अगस्त को उसे कई अज्ञात नंबरों से कॉल आए। कॉलर ने कहा कि उसके नाम से जम्मू-कश्मीर में एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें 50 लाख रुपए जमा हुए हैं और उस खाते का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों में किया गया है। आरोपियों ने उसे चेतावनी दी कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें प्रभावशाली लोग शामिल हैं, इसलिए वह किसी को न बताए।
ठगों ने कॉल के दौरान उसे निर्देश दिया कि वह अपने मोबाइल का कैमरा ऑन रखे, खुद को एक कमरे में बंद करे और परिवार से संपर्क न करे। इसी दौरान उन्होंने उसके बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद उसे एक व्यक्ति से जोड़ा गया, जिसने खुद को एटीएस प्रमुख बताया।
फर्जी एटीएस प्रमुख ने पीड़ित को कहा कि उसे पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित एटीएस कार्यालय आना होगा। जब युवक ने इंकार किया, तो आरोपी ने कहा कि यदि वह कानूनी प्रक्रिया को वैध बनाना चाहता है तो उसे कुछ धनराशि आरबीआई द्वारा स्वीकृत खाते में ट्रांसफर करनी होगी। इसके बाद युवक ने गिरफ्तारी के डर से 8.9 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से और 77 हजार रुपए ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिए ट्रांसफर कर दिए।
बाद में ठगों ने पीड़ित को एक फर्जी बेल एप्लिकेशन भेजी और उसकी रिहाई के लिए 4 लाख की मांग की। युवक ने जब और पैसे देने से इनकार किया, तो आरोपियों ने संपर्क तोड़ लिया और सभी फोन नंबर बंद कर दिए।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों की पहचान व लोकेशन ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि ठगों ने डिजिटल अरेस्ट की तरह ठगी की योजना बनाई थी।
आपको बताते चलें, कुछ समय पहले दक्षिणी दिल्ली में 78 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंकर से भी इसी तरह के तरीके से 23 करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। इस मामले में भी पीड़ित को पुलवामा हमले के फंडिंग में शामिल बताकर धमकाया गया था।





