सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामला: कोर्ट में पूर्व टीडीबी सचिव की याचिका खारिज

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पथानामथिट्टा (केरल), 13 नवंबर (आईएएनएस)। सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामले में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) की पूर्व सचिव एस. जयश्री को जोर का झटका लगा है। कोर्ट ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।

आरोपों की गंभीरता और इस मामले को लेकर चल रही तहकीकात को देखते हुए एसआईटी हिरासत में पूछताछ को लेकर काफी दृढ़ थी।

इस मामले की चौथी आरोपी जयश्री ने अग्रिम जमानत के लिए केरल हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन याचिका खारिज कर दी गई थी। जस्टिस के बाबू ने प्रक्रिया को ठीक से फॉलो न किए जाने का हवाला देते हुए कहा था कि आरोपी ने निचली अदालत को नजरअंदाज करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया जो सही नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जयश्री ने ऐसा कोई खास कारण नहीं बताया जिससे उन्हें निचली अदालत में जाने से रोका जा सके।

इसके बाद ही पूर्व सचिव ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी डाली थी जिसे गुरुवार को खारिज कर दिया गया।

अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि जयश्री ने टीडीबी सचिव और बाद में बतौर तिरुवभरणम आयुक्त मंदिर के सोने और कीमती वस्तुओं की काफी हेराफेरी की।

आरोप है कि उन्होंने बोर्ड के निर्णयों को नजरअंदाज किया और श्रीकोविल (गर्भगृह) से वस्तुओं को सौंपने का आदेश जारी किया। ये फैसला व्यवस्थित हेराफेरी की ओर इशारा करता है।

सेवानिवृत्त जयश्री को उम्मीद थी कि शारीरिक दिक्कतों की वजह से उन्हें कोर्ट से कुछ राहत मिल जाएगी और अग्रिम जमानत में कोई अड़चन नहीं आएगी। हालांकि कोर्ट ने उनकी उम्मीदों के अनुरूप फैसला नहीं सुनाया।

इस फैसले के बाद जयश्री को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

एसआईटी ने इस मामले को लेकर जो दो एफआईआर दर्ज की उनमें पांच नामजद लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष वासु और दो पूर्व कर्मचारी के साथ मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी भी है।

गुरुवार को ही एक अन्य टीडीबी अध्यक्ष, ए. पद्मकुमार (पूर्व सीपीआई (एम) विधायक), को पूछताछ के लिए तलब किया गया।

गुरुवार को ही इस केस में प्रमाण जुटाने के लिए सबरीमाला सन्निधानम संरचनाओं का वैज्ञानिक सत्यापन शुरू कर दिया है।

हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, एसआईटी ने टीडीबी के जरिए मंदिर के तंत्री महेश मोहनारारू से द्वार रक्षक मूर्तियों और मंदिर के गोल्ड प्लेट पैनल्स का परीक्षण करने की इजाजत मांगी है।

जांच के दायरे में मंदिर के वो सभी धातु की परतों और पैनल्स होंगे जो हाल ही में लगाए गए थे।