कोलकाता, 16 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के एक मछुआरे की बांग्लादेश की जेल में मौत हो गई। काकद्वीप का रहने वाला बाबुल दास बोल और सुन नहीं सकता था। परिवार वालों का आरोप है कि जेल में उसे शारीरिक यातना दी गई जिस वजह से उसकी जान चली गई।
पुलिस ने बताया कि 25 साल का बाबुल दास काकद्वीप के पश्चिम गंगाधरपुर का रहने वाला था।
मूक-बधिर दास को अन्य मछुआरों के साथ भारत-बांग्लादेश जलक्षेत्र का कथित उल्लंघन करने के आरोप में पकड़ा गया था।
भारत में उसके मौत की खबर परिवार को शनिवार रात दी गई। इसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सूत्रों के अनुसार दास विचाराधीन कैदी था और उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। हालांकि परिवार को इस पर संदेह है। कोलकाता स्थित बांग्लादेश उप उच्चायोग ने उसके परिजनों को इसकी सूचना दी थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 13 जुलाई को दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप से ‘एफबी मंगलचंडी’ और ‘एफबी झार’ नामक दो ट्रॉलर रवाना हुए थे। अपने जल क्षेत्र में प्रवेश करने का आरोप लगाते हुए बांग्लादेशी नौसेना ने दोनों ही ट्रॉलरों को जब्त कर लिया था।
दोनों ही नौकाओं में 34 मछुआरे सवार थे और गहरे समुद्र में हिल्सा मछली पकड़ने गए थे। बांग्लादेश की नौसेना ने नौका सहित मछुआरों को मोंगला बंदरगाह पुलिस स्टेशन को सौंप दिया।
15 जुलाई को इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर केस रजिस्टर किया। बागेरहाट कोर्ट ने गिरफ्तार मछुआरों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। तब से, वे बांग्लादेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों के रूप में बंद हैं।
मृतक के भाई बासुदेब दास ने पत्रकारों को बताया कि शनिवार रात उसे हार्वुड प्वाइंट कोस्टल पुलिस स्टेशन से दुखद खबर मिली।
फिलहाल परिवार इस मौत के कारण को लेकर असमंजस की स्थिति में है।
हालांकि बांग्लादेश के उच्च उपायुक्त ने मौत की वजह का खुलासा फोन पर ही कर दिया था लेकिन परिवार मानने को तैयार नहीं है। बाबुल के भाई ने कहा, ” दादा बोल-सुन नहीं सकते थे लेकिन इसके अलावा उन्हें कोई और शारीरिक दिक्कत नहीं थी। वो बहुत ताकतवर और सेहतमंद थे। हमें उनकी मौत पर संशय है। हमें लगता है कि उन्हें जेल में यातना दी गई। हम उनके शव को काकद्वीप लाकर दोबारा ऑटोप्सी कराना चाहते हैं।”
मौत की खबर के बाद सुंदरबन श्रमजीवी मत्स्य संघ के सचिव सतीनाथ पात्रा ने परिवार से मुलाकात की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मृतक का शव जल्द ही परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पात्रा ने कहा, बांग्लादेश की जेल में बंद मछुआरे की खबर वाकई में दुखद है। हम उसका शव लाने की पूरी कोशिश करेंगे।”

