दिल्ली: पुलिस ने इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया और नौकरी ढूंढने वालों को विदेश में नौकरी का लालच देकर ठगने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने गिरफ्तारी के साथ क्राइम से जुड़े मोबाइल फोन, लैपटॉप और कैश भी बरामद किए हैं। आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी केतन दीपक कुमार, पश्चिम बंगाल के संजीब मंडल और गुरुग्राम निवासी बैंक अधिकारी रवि कुमार मिश्रा के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके कब्जे से छह मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और 50 हजार रुपए नकद भी बरामद किए हैं।

यह मामला एके सहाय की शिकायत के बाद शुरू हुआ, जिनकी कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी चली गई थी और वे विदेश में काम ढूंढ रहे थे। उन्हें ‘फ्लाईअब्रॉड 6’ नाम के एक ग्रुप से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को कंपनी का सलाहकार और ग्रुप एडमिन आदेस श्रीवास्तव बताकर न्यूजीलैंड में शेफ या कुक की नौकरी का ऑफर दिया था।

इसके बाद भरोसा दिलाने के लिए आरोपी ने नकली वीजा, नौकरी नियुक्ति पत्र सहित कई दस्तावेज देकर 1.80 लाख रुपए कर जमा करा लिए थे, जिसके बाद आरोपी गायब हो गए।

पुलिस ने बताया कि कंपनी और दस्तावेज की जांच करने पर नियुक्ति पत्र और टिकट समेत सभी दस्तावेज नकली पाए गए। शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू हुई।

इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख और एसीपी विजय पाल तोमर के ओवरऑल गाइडेंस में एसआई अमित कुमार, हेड कांस्टेबल संजय, सोनू कुमार और सचिन की एक स्पेशल टीम बनाई गई।

टीम ने जांच में पाया कि ठगी गई रकम पहले यश बैंक के एक अकाउंट में जमा की गई और बाद में इसको छिपाने के लिए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई। जांच में अकाउंट होल्डर्स का पता गुरुग्राम और लोकेशन गुजरात के आनंद जिले में मिली।

पुलिस ने पहले आरोपी दीपक कुमार को 9 नवंबर को ऋषिकेश, उत्तराखंड से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के बाद 13 नवंबर को कोलकाता से दूसरे आरोपी संजीब मंडल को गिरफ्तार किया गया। साथ ही तीसरे आरोपी को गुरुग्राम में गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, तीनों ने मिलकर पीड़ितों को फर्जी नौकरी के ऑफर का लालच दिया था।