डिब्रूगढ़, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडीपेन्डेंट) (उल्फा-आई) के दो उग्रवादियों ने असम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वालों की पहचान बान असम और अस्तित्व असम के रूप में हुई है।
बताया गया कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडीपेन्डेंट) (उल्फा-आई) के खिलाफ काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में लगे सिक्योरिटी फोर्स को मंगलवार को एक और कामयाबी मिली। पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में सिक्योरिटी फोर्स के सामने दो हार्डकोर कैडर, भार्गब हजारिका उर्फ बान असम और अस्तित्व असम, ने सरेंडर कर दिया।
भार्गब डिब्रूगढ़ जिले के चाबुआ पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले बिस्माइल गांव का रहने वाला है। बाद में, उसने सिक्योरिटी फोर्स को नामसाई पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले नोंगताव खाम्पटी गांव में एक ठिकाने पर ले गया, जहां से एक बहुत एडवांस्ड एमक्यू 81 राइफल के साथ 153 जिंदा राउंड और एक राउंड राइफल ग्रेनेड बरामद किया गया।
भार्गब यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडीपेन्डेंट) (उल्फा-आई) ग्रुप का हिस्सा था, जिसका 21 अक्टूबर को नोंगताव खाम्पटी गांव में असम राइफल्स के साथ आमना-सामना हुआ था। 7 सदस्यों वाले इस ग्रुप का एक कैडर, इवोन असम, भारी फायरिंग के दौरान मारा गया था, जबकि बाकी भागने में कामयाब रहे थे।
कुछ समय पहले सरकार द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, 35 वर्षों से गैरकानूनी घोषित होने के बावजूद, इस समूह के म्यांमार में अभी भी 200-250 कार्यकर्ता हैं तथा उसके पास लगभग 200 हथियार हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, “वर्तमान में, संगठन के अधिकांश कैडर या नेता म्यांमार में हैं और वहां चार प्रमुख शिविर चलाते हैं। सरकार का कहना है कि यह संगठन सुरक्षा बलों पर हमले, विस्फोट आदि सहित हिंसा के कृत्यों में लिप्त रहता है। इसके साथ ही असम राज्य में राष्ट्रीय दिवसों के समारोहों का बहिष्कार भी करता रहता है और इन दिनों में विस्फोटों के माध्यम से विध्वंसकारी कृत्यों को अंजाम देने का प्रयास करता है।”
असम सरकार के मुताबिक, पिछले पांच सालों में संगठन के 56 कैडरों के साथ-साथ 177 फ्रंटमैन, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू), समर्थकों या सहानुभूति रखने वालों को भी गिरफ्तार किया गया, जबकि 63 कैडरों ने अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

