हिमाचल के भ्रष्ट ड्रग कंट्रोलर की 2.58 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की कुर्क

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शिमला, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व सहायक औषधि नियंत्रक निशांत सरीन और उनकी सहयोगी कोमल खन्ना के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दोनों की कुल 2.58 करोड़ रुपए की दो अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया। इनमें हरियाणा के पंचकूला में एक लग्जरी फ्लैट और शिमला में एक घर शामिल है।

निशांत सरीन पर आरोप है कि उन्होंने नाहन, बद्दी और सोलन में ड्रग इंस्पेक्टर व असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के पद पर रहते हुए दवा कंपनियों से लाखों रुपए की रिश्वत ली। वे फार्मा कंपनियों को धमकाते थे और कहते थे कि अगर पैसा नहीं दिया तो उनकी फैक्ट्री सील कर देंगे या लाइसेंस रद्द कर देंगे। इसी डर से कई कंपनियों को कोमल खन्ना की दो फर्मों जेनिया फार्मास्यूटिकल्स और निया फार्मा के साथ घाटे का सौदा करने को मजबूर होना पड़ा।

ईडी की जांच में पता चला कि रिश्वत के इन पैसों को कोमल खन्ना और निशांत सरीन के परिवार वालों के नाम पर फ्लैट, घर, बैंक में एफडी और गहनों-गाड़ियों में लगाया गया। कोमल खन्ना ने तो एक कंपनी की पार्टनरशिप में अपना हिस्सा 50 फीसदी से बढ़ाकर 95 फीसदी तक कर लिया, जिसके पीछे निशांत सरीन के सरकारी पद का दबाव था।

हिमाचल प्रदेश पुलिस की सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने निशांत सरीन को 2021 में ही रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था और गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज हुआ, जिसमें 1.66 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की गई थी। हरियाणा पुलिस ने भी 2022 में दोनों के खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।

ईडी ने इस साल जून में छापे मारे थे और 3.20 करोड़ रुपए नकद, बैंक बैलेंस, गहने और गाड़ियां जब्त की थीं। अब नई कुर्की के साथ कुल 5.78 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है। निशांत सरीन को ईडी ने 9 अक्टूबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था और अभी वह जेल में है।

ईडी का कहना है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और आगे अन्य खुलासे हो सकते हैं। यह मामला हिमाचल में सरकारी अफसरों द्वारा फार्मा माफिया के साथ मिलीभगत का एक बड़ा उदाहरण बन गया है।