नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के लिए सफल समाधान पेशेवर बोली लगाने वाले जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को दो सप्ताह की अवधि के भीतर 150 करोड़ रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया।
सीजेआई डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह राशि भारतीय स्टेट बैंक और जेकेसी के संयुक्त रूप से रखे गए एस्क्रो खाते में रखी जाएगी।
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने चेतावनी दी कि यदि जेकेसी 31 जनवरी तक बैंक गारंटी पेश करने में विफल रहता है तो कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।
शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से जेकेसी को बंद पड़ी एयरवेज के स्वामित्व को चुनौती देने वाली ऋणदाताओं की याचिका पर मार्च 2024 के अंत तक फैसला करने को कहा।
जेट एयरवेज का स्वामित्व ग्रहण करने के लिए कंसोर्टियम ने अदालत द्वारा अनुमोदित समाधान योजना के अनुसार 350 करोड़ रुपये की इक्विटी का निवेश किया था।
अपने विवादित आदेश में एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने 350 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) से 150 करोड़ रुपये के समायोजन पर सहमति व्यक्त की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने कंसोर्टियम द्वारा पिछले साल 31 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये और 30 सितंबर, 2023 तक 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने के वचन को भी स्वीकार कर लिया था।
–आईएएनएस
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