रांची, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। रांची स्थित पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट ने बड़गाईं अंचल के जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी की ओर से दायर चार्जशीट पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन सहित पांच आरोपियों के खिलाफ संज्ञान लिया है। अन्य आरोपियों में बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, आर्किटेक्ट विनोद सिंह, जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन और हिलेरियस कच्छप शामिल हैं।
अब इन सभी आरोपियों को अदालत समन जारी करेगी। इसके बाद इन सभी के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही शुरू होगी।
बड़गाईं अंचल में 8.46 एकड़ जमीन के घोटाले में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात गिरफ्तार किया था। वह 64 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं। पूर्व राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद भी जेल में बंद हैं। बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि एजेंसी ने इनसे कई बार पूछताछ की है। इन सभी के खिलाफ ईडी ने 30 मार्च को करीब 5500 पन्नों में चार्जशीट फाइल की है।
चार्जशीट में बताया गया है कि हेमंत सोरेन ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर साक्ष्यों को छिपाने की भी साजिश की। यह भी कहा गया है कि उन्होंने घोटाले के अन्य अभियुक्तों को संरक्षण दिया।
ईडी ने जांच के क्रम में जमीन का नक्शा भी बरामद किया था, जो आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह के मोबाइल से मिला था। तकरीबन 500 पन्नों की चैट भी ईडी के हाथ लगे थे।
ईडी ने जांच के क्रम में पाया था कि हिलेरियस कच्छप ने जमीन पर अपने नाम से बिजली का मीटर लगवाया था। हिलेरियस कच्छप को इसी वजह से मामले में आरोपी बनाया गया है। पूर्व सीएम के दोस्त विनोद कुमार इस जमीन पर एक बड़ा निर्माण करवाने वाले थे। इसके लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से कई बार बातचीत की थी। यहां तक की उसका नक्शा भी बनाया था।
पूरे मामले में जमीन मालिक राजकुमार पाहन की भूमिका भी रही थी। ईडी की चार्जशीट में जांच में सामने आए इन सभी तथ्यों का उल्लेख किया गया है।