तेलंगाना फोन टैपिंग मामला: पूर्व एसआईबी चीफ की कस्टडी बढ़ाने की तैयारी में एसआईटी

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हैदराबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना में सामने आए बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) पूर्व स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) प्रमुख टी. प्रभाकर राव की पुलिस हिरासत बढ़ाने के लिए अदालत का रुख कर सकती है। प्रभाकर राव इस मामले के मुख्य आरोपी हैं।

प्रभाकर राव की मौजूदा पुलिस कस्टडी गुरुवार को समाप्त हो रही है, जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रभाकर राव ने 12 दिसंबर को जांच अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। इससे एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह की कस्टोडियल पूछताछ के लिए सरेंडर करने का निर्देश दिया था।

18 दिसंबर को उनकी पहली पुलिस कस्टडी समाप्त होने के बाद जांच एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए हिरासत बढ़ाने की मांग की थी कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और अहम जानकारियां देने से बच रहे हैं।

18 दिसंबर को तेलंगाना सरकार द्वारा गठित नौ सदस्यीय नई एसआईटी ने प्रभाकर राव से पूछताछ की। इस दौरान अन्य आरोपियों पूर्व टास्क फोर्स डीसीपी टी. राधा किशन राव, अतिरिक्त एसपी मेकाला तिरुपथन्ना और एक टीवी चैनल के मालिक एन. श्रवण कुमार से भी पूछताछ की गई।

एसआईटी अधिकारियों ने एक अन्य आरोपी और पूर्व डीएसपी डी. प्रणीथ राव की मौजूदगी में भी प्रभाकर राव से सवाल-जवाब किए। नई एसआईटी हैदराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार की समग्र निगरानी में काम कर रही है और इसका उद्देश्य पूर्व बीआरएस सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित अवैध फोन टैपिंग की जांच करना है।

एसआईटी में रामागुंडम पुलिस आयुक्त अंबर किशोर झा, सिद्धिपेट पुलिस आयुक्त एस.एम. विजय कुमार, डीसीपी रितिराज और के. नारायण रेड्डी, ग्रेहाउंड्स ग्रुप कमांडर एम. रविंदर रेड्डी, अतिरिक्त डीसीपी के.एस. राव, एसीपी पी. वेंकटगिरी तथा डीएसपी च. श्रीधर और नागेंद्र राव सदस्य हैं।

जुबली हिल्स के एसीपी वेंकटगिरी इस मामले में जांच अधिकारी बने हुए हैं। यह केस मार्च 2024 में हैदराबाद के पंजागुट्टा पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।

फोन टैपिंग मामला 10 मार्च 2024 को तब सामने आया, जब एसआईबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) डी. रमेश ने डीएसपी डी. प्रणीथ राव के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। 13 मार्च 2024 को प्रणीथ राव की गिरफ्तारी के बाद जांच में खुलासा हुआ कि बड़े पैमाने पर निगरानी अभियान चलाया गया, जिसमें राजनीतिक विरोधियों, कारोबारियों, पत्रकारों और यहां तक कि न्यायाधीशों को भी निशाना बनाया गया।

इस मामले में कुल छह आरोपियों को नामजद किया गया है, जिनमें पूर्व एसआईबी प्रमुख प्रभाकर राव, डीएसपी प्रणीथ राव, अतिरिक्त एसपी तिरुपथन्ना और एन. भुजंगा राव, पूर्व डीसीपी राधा किशन राव और टीवी चैनल मालिक श्रवण कुमार शामिल हैं।

आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्रभाकर राव पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के शासनकाल में कई प्रमुख व्यक्तियों की अवैध निगरानी कराने का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने बीआरएस सरकार के खिलाफ काम करने वालों के फोन टैप करने के लिए एसआईबी में एक विशेष टीम गठित की थी।

2023 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस की हार के बाद प्रभाकर राव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और मामला दर्ज होने से ठीक पहले अमेरिका चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 29 मई को अधिकारियों को उनके भारत लौटने के लिए आपातकालीन यात्रा दस्तावेज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आश्वासन के अनुसार, प्रभाकर राव 8 जून को भारत लौट आए थे।