नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को नई दिल्ली स्थित भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणपति पूजा समारोह में शामिल हुए थे। इसे लेकर देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। पीएम मोदी की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से मुलाकात को लेकर विपक्षी दलों ने आलोचना की, जिसपर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि मुद्दा मुलाकात नहीं बल्कि गणपति पूजा है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए विपक्षी दलों को यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान होनी वाली इफ्तार पार्टियों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश महाराष्ट्र से आते हैं और उन्होंने गणपति पूजन का कार्यक्रम अपने घर पर रखा और स्वाभाविक तौर पर उन्होंने बहुत लोगों को बुलाया होगा।
संबित पात्रा ने पीएम मोदी और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बीच हुई मुलाकात की आलोचना करने वाले लोगों पर पलटवार करते हुए कहा कि यहां मुद्दा यह मुलाकात का नहीं, बल्कि गणपति पूजा है। यूपीए सरकार के दौरान बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इफ्तार की पार्टी रखा करते थे, क्या उसमें सुप्रीम कोर्ट के उस समय के मुख्य न्यायाधीश नहीं जाते थे, क्या उस समय दोनों की मुलाकात नहीं होती थी, क्या उस समय दोनों के बीच एक टेबल पर बैठकर बातचीत नहीं होती थी?
उन्होंने कहा कि वह भी एक त्योहार (इफ्तार पार्टी) है और यह भी एक त्योहार (गणपति पूजा) है, तो फिर अब आपत्ति क्यों की जा रही है? दो त्योहारों के बीच यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?
उन्होंने गणपति पूजा को लेकर भी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के निमंत्रण पर उनके आवास पर गणपति की उपासना की, लेकिन उसे लेकर भी कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। उन्हें आश्चर्य होता है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अगर प्रधानमंत्री मिलते हैं, तो उस पर आपत्ति होती है। लेकिन जब राहुल गांधी अमेरिका में भारत विरोधी और पीओके के साथ खड़े होनी वाली इल्हान उमर से मिलते हैं तो उन्हें आपत्ति नहीं होती हैं।
उन्होंने कहा कि ये लोग गणपति की उपासना को लेकर भी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, ये लोग क्या चाहते हैं? क्या ये लोग चाहते हैं कि भारत के लोकतंत्र के स्तंभ आपस में मिले नहीं? क्या एक आरती में शामिल होने से समीकरण बदल जाते हैं?
संबित पात्रा ने कांग्रेस और राहुल गांधी समेत पूरे विपक्षी गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि दो दिन पहले, अमेरिका में राहुल गांधी से इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि इंडी गठबंधन में ए क्या है? तो राहुल गांधी कुछ देर सोचते रहे कि ए क्या है, फिर बताया कि ए का मतलब अलायन्स है। इंडी गठबंधन में ए का मतलब- अपराध और अपीज़मेंट है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हुई घटना की आलोचना करते हुए कहा कि जिस बर्बरता के साथ राज्य में अवैध मस्जिद का विरोध करने वाले हिंदुओं पर लाठी चार्ज किया गया है, महिलाओं के साथ भी अत्याचार हुआ है, यह उचित नहीं है। हिंदुओं पर लाठी चार्ज और अवैध मस्जिदों का रिचार्ज, यह नहीं चलेगा। जनता देवभूमि को बचाने के लिए नारे लगा रही है। जो अवैध है, उसका जाना तय होना चाहिए और मस्जिद अवैध है।
कांग्रेस के मंत्री भी बोल रहे हैं कि यह मस्जिद अवैध है और इतने मुस्लिम वहां कहां से आ गए हैं? लेकिन मोहब्बत की दुकान हिंदुओं के साथ सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही ऐसा व्यवहार नहीं कर रही है, बल्कि कांग्रेस शासित एक और राज्य कर्नाटक में भी तुष्टिकरण चरम पर है।
भाजपा प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल में डायमंड हार्बर के जज द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट को लिखे गए पत्र को अत्यंत गंभीर बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से भी इसका संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने जज के साथ इस तरह का व्यवहार करने के लिए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और अभिषेक बनर्जी पर भी जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पीएम मोदी को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक राहुल गांधी हैं, कांग्रेस उठ नहीं सकती है। वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर जेपीसी में विचार-विमर्श चल रहा है और किसी को भी इस पर भड़काने वाला बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने मनमोहन सरकार के समय गृह मंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे के बयान को लेकर भी कांग्रेस को घेरा।