कांग्रेस में सब बनना चाहते थे मुख्यमंत्री, गुटबाजी की वजह से हुई हरियाणा में हार : नवीन जिंदल

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कुरुक्षेत्र, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी नेतृत्व पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है। गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर अब भाजपा सांसद नवीन जिंदल की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने रविवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “मैंने पहले ही कई बार कहा था कि 8 अक्टूबर को हरियाणा के अंदर भाजपा अपनी सरकार बनाने जा रही है। मैं इन दावों के पीछे की वजह भी लोगों को बताता था। एक कहावत है, इतिहास अपने आप को दोहराता है। जिसकी सरकार केंद्र में होती है, उसी की सरकार हरियाणा में बनती आई है, आप पिछले 57 साल के इतिहास को उठाकर देख सकते हैं।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “केंद्र में एक मजबूत सरकार है, जिसका नेतृत्व नरेंद्र मोदी के हाथों में है। उन्होंने हरियाणा की बागडोर नायब सिंह सैनी को दी है। इसलिए यहां के लोगों ने पहले से ही मन बना लिया था कि तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाएंगे। कांग्रेस समेत अन्य दल दावा कर रहे थे कि उनकी राज्य में सरकार आएगी, लेकिन वे गलतफहमी में जी रहे थे, कांग्रेस में गुटबाजी थी और सबको मुख्यमंत्री बनना था।”

नवीन जिंदल ने हरियाणा सरकार के कामों को लेकर कहा, “पिछले 10 साल के अंदर मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी ने जनता के विकास से जुड़े कामों को आगे बढ़ाया है। हरियाणा सरकार ने लाखों युवाओं को रोजगार देने का काम किया है। अब हमारी पार्टी ने जितने भी वादे किए हैं, उन्हें भी जल्द ही पूरा किया जाएगा।”

गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर नवीन जिंदल ने कहा, “मैं इसके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता, यह उनका अंदरूनी मामला है। मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि हरियाणा की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है और उनका यह भरोसा पूरी तरह कायम रहेगा।”

ईवीएम की बैटरी पर विपक्ष के आरोपों पर भी उन्होंने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “विपक्ष सिर्फ बेबुनियाद आरोप लगाता है। उनके आरोप हास्यास्पद हैं। जहां कांग्रेस जीत रही है, वहां उनको कोई तकलीफ नहीं है, लेकिन जहां वह हारती है वहां उन्हें दिक्कत है। कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। कई भाजपा नेता ऐसे हैं, जो बहुत कम अंतर से हारे हैं।”