गुजरात के अमरेली में दूध में मिलावट करने वाले रैकेट का पर्दाफाश, नकली उत्पादों के साथ एक गिरफ्तार

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अमरेली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पुलिस ने खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) के साथ मिलकर अमरेली जिले के मित्याला इलाके में एक आवासीय संपत्ति में चल रहे दूध में मिलावट करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है।

अधिकारियों ने मिलावटी दूध को जब्त करते हुए एक संदिग्ध गुणवंत शामजी कलसारिया को 2.21 लाख रुपये की सामग्री के साथ गिरफ्तार किया।

मिलावटी दूध को बेचने के लिए प्लास्टिक की थैलियों में पैक किया जा रहा था।

यह गुजरात में नकली सामान बनाने को लेकर नया मामला सामने आया है, जिसमें नकली घी, पनीर बनाया जा रहा था। इस मिलावट के खेल में न्यायालय के अधिकारी और यहां तक ​​कि आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं।

एफडीसीए ने दिवाली से पहले खाद्य निरीक्षण बढ़ा दिया है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा उल्लंघन के मामले अक्सर बढ़ जाते हैं।

दूध के नमूनों को जांच के लिए गांधीनगर भेजा गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ अभियान की श्रृंखला में, गुजरात का एफडीसीए पूरे राज्य में बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध और दूध उत्पादों को सक्रिय रूप से जब्त करके उसे नष्ट कर रहा है।

फरवरी 2024 में एफडीसीए के अधिकारियों ने पालनपुर और गांधीनगर में 4.17 लाख रुपये मूल्य के लगभग 10,000 लीटर मिलावटी दूध को जब्त कर नष्ट कर दिया था।

माल्टोडेक्सट्रिन पाउडर के साथ मिलावटी दूध पालनपुर स्थित एक फर्म को आपूर्ति किया जा रहा था। अभियान के तहत एफडीसीए ने संदिग्ध मात्रा में मिलावटी पनीर भी जब्त किया।

मई 2024 में एफडीसीए ने 34,498 किलोग्राम मिलावटी घी के साथ 1,07,122 किलोग्राम मिलावटी दूध और दूध उत्पाद जब्त किए।

इन उत्पादों की कीमत लगभग 8.03 करोड़ रुपये है और दस महीने की अवधि में मिलावटी दूध का कारोबार किया गया।

विभिन्न विक्रेताओं द्वारा आपूर्ति किए गए दूध का उपयोग व्यावसायिक बिक्री के लिए दूध उत्पाद और मिठाइयां बनाने में किया जा रहा था। अगस्त 2022 में एफडीसीए अधिकारियों ने राजकोट में एक चेकपॉइंट पर 4,000 लीटर मिलावटी दूध ले जा रहे एक ट्रक को पकड़ा था।

जांच करने पर पाया गया कि दूध सल्फेट, फॉस्फेट और कार्बोनेट तेल जैसे हानिकारक रसायनों से बना है, जो उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।