अमरावती, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश सरकार ने मुलकालाचेरुवु नकली शराब मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसकी घोषणा की।
मुख्यमंत्री नायडू ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व एलुरु रेंज के पुलिस निरीक्षक जीवीजी अशोक कुमार करेंगे। एसआईटी के सदस्य आईपीएस अधिकारी राहुल देव वर्मा, मल्लिका गर्ग और के. चक्रवर्ती हैं। आबकारी विभाग का एक विशेषज्ञ भी एसआईटी का सदस्य होगा।
मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एसआईटी मामले की गहन जांच करेगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में 23 आरोपियों की पहचान हो चुकी है और उनमें से 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मुख्य आरोपी जनार्दन भी शामिल है।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उन्होंने इस मामले में कथित भूमिका के लिए एक तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नेता को भी तत्काल निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार आरोपियों के खिलाफ उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना सख्त कार्रवाई करेगी और राजनीतिक आड़ में भागने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बचाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि नकली शराब की जड़ें अफ्रीका में बताई जा रही हैं और कुछ लोग आंध्र प्रदेश में भी यही तरीका अपनाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि मुलकालाचेरुवु में नकली शराब कांड को उजागर करने वाले सबसे पहले टीडीपी नेता ही थे।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि कुछ दल मामले से बचने के लिए नकली शराब मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान, उनके ब्रांडों को बढ़ावा दिया गया और दुकानों, परिवहन और डिस्टिलरी के मालिकाना हक के बल पर पूरी व्यवस्था को वैध बना दिया गया।
उन्होंने कहा कि गांजे की खेती को एक व्यावसायिक फसल बना दिया गया और 2019-24 के दौरान नशीली दवाओं का खतरा बढ़ गया। जो लोग राजनीति की आड़ में अपराध कर रहे हैं, वे अब नकली शराब पर झूठा प्रचार कर रहे हैं और सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। नायडू ने कहा कि झूठा प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जंगारेड्डीगुडेम में 27 लोगों की मौत के बावजूद, पिछली सरकार कोई प्रतिक्रिया देने में विफल रही और अब राज्य सरकार पर झूठे अभियान का आरोप लगा रही है।
मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को भी सख्त चेतावनी दी कि वे कानून के अनुसार काम करें, अन्यथा उनके गलत कामों के लिए उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नकली शराब की समस्या को रोकने के लिए आंध्र प्रदेश आबकारी सुरक्षा ऐप पेश किया है। यह ऐप शराब की बोतल के निर्माण और बिक्री के विवरण का पता लगाने में मदद करेगा।