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ईश्वर के नाम पर मानवता के प्रति प्रेम का आख्यान है भक्तिकाल : सुभाष...

भोपाल : 16 नवंबर/ स्वराज्य विद्यापीठ के संचालकों द्वारा जारी रविवारीय गोष्ठी श्रृंखला के क्रम में 10 नवंबर की शाम को 'भक्तिकालीन संत कवयित्रियों...

वनमाली सृजन केंद्र, भोपाल का पहला आयोजन: डॉ उर्मिला शिरीष का कथा पाठ एवं...

भोपाल : 5 नवंबर/ वनमाली सृजन केंद्र की भोपाल इकाई द्वारा आज स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के वनमाली सभागार में वरिष्ठ कथाकार डॉ उर्मिला...

देश के सामूहिक हित के पीएम मोदी के विजन को आगे बढ़ाने का प्रयास...

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। ब्रिटेन स्थित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के कार्यकारी निदेशक अश्विन फर्नांडिस ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात पर आधारित पुस्तक "मोदियालॉग" लॉन्च की है।

मुंबई नाइट्स : संजीव पालीवाल का यह उपन्यास जागती-इतराती मायानगरी के स्याह काले रंग...

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उपन्यास एक ऐसा शब्द जाल जिसके ताने-बाने को ऐसे बुना जाता है कि यह पाठक को अपने से स्वतः जोड़ ले। जिसके पन्नों पर छपे शब्द पाठक के मन के अंदर चित्रों का माध्यम तैयार करे। पाठक तब तक उसके जादू से अपने आप को वापस नहीं निकाल पाते हैं, जब तक आप उपन्यास के पन्नों के अंतिम पायदान तक ना पहुंच जाएं।  'नैना', 'पिशाच' और 'ये इश्क नहीं आसां' जैसे चर्चित उपन्यासों के बाद अब एक और उपन्यास लेकर पाठकों के बीच आए हैं लेखक-पत्रकार संजीव पालीवाल। अपने तीन पूर्व उपन्यासों के जरिए पहले से ही पाठकों के दिलों में जगह बना चुके क्राइम थ्रिलर के युवराज संजीव पालीवाल का यह उपन्यास मायानगरी की वह हकीकत बयां करती है जिससे कम ही लोग वाकिफ हैं।

वनमाली सृजन पीठ में संतोष चौबे का कहानी पाठ आयोजित

भोपाल : 24 अक्टूबर/ वरिष्ठ कथाकार, विश्व रंग के निदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने अपनी ताजा कहानी 'चैरी, नाना...

प्रसिद्ध लेखक नीलोत्पल मृणाल और दिव्य प्रकाश दुबे के साथ लेखन पर वर्कशॉप

भोपाल : 22 अक्टूबर/ स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी (एसजीएसयू) भोपाल द्वारा “लेखन और उसकी विविध संभावनाओं” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया...

अदम गोंडवी : ‘जन जन के कवि’, जिनकी ‘गुर्राहट’ ने शोषित वर्ग की खामोशी...

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक भारतीय कवि जिनके कपड़े अक्सर बहुत साफ नहीं होते थे। धोती-कुर्ते के अलावा गले में सफेद गमछा डालकर वह श्रोताओं के सामने हाजिर होते थे। बात कहने का अंदाज भी ठेठ था, लेकिन वह बात लोगों के दिल तक पहुंचती थी। ऐसा नहीं कि लोगों को लुभाने के लिए उन्होंने कोई खास शैली विकसित की थी। सरल, सहज, बिल्कुल आम आदमी की तरह मुखातिब होने वाली यह शख्सियत थी अदम गोंडवी, जिनका जन्म 22 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुआ था।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखे गए हिस्ट्री फिक्शन उपन्यास “गुलाबी खंजर” के प्रकाशन की...

भोपाल : 20 अक्टूबर/ भोपाल के कुक्कुट भवन में बहुप्रतीक्षित हिस्ट्री फ़िक्शन उपन्यास “गुलाबी खंजर” की ‘हिन्द युग्म प्रकाशन’ से प्रकाशित होने की आधिकारिक...

विश्व रंग फाउण्डेशन’ की घोषणा, विश्व हिंदी ओलम्पियाड’ में जुड़ेंगे एक करोड़ लोग –...

नई दिल्ली : 16 अक्टूबर/ साहित्य अकादमी, नईदिल्ली के सभागार रवीन्द्र भवन में विश्वरंग एवं वनमाली सृजन पीठ, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में "विश्व...

दिल्ली में विश्व रंग विमर्श : “विश्वरंग अवलोकन और भविष्य दृष्टि” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी...

नई दिल्ली : 14 अक्टूबर/ साहित्य अकादमी नईदिल्ली के रवीन्द्र भवन सभागार में आज 15 अक्टूबर 2024 मंगलवार को विश्वरंग एवं वनमाली सृजन पीठ...

खरी बात