Friday, October 24, 2025
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जन्मदिन विशेष : जिनके शब्दों ने हिंदी साहित्य को दी नई दृष्टि, निर्भीक लेखिका...

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य की दुनिया में मृदुला गर्ग एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने लेखन से न सिर्फ परंपराओं को चुनौती दी बल्कि पाठकों को सोचने पर मजबूर किया। समान रूप से हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लेखन करने वाली मृदुला गर्ग ने लगभग हर विधा में अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया है। आठ उपन्यास, चार नाटक, चार निबंध संग्रह, एक संस्मरण, एक यात्रा वृत्तांत और 90 से अधिक कहानियां, यह उनकी अब तक की सृजन-यात्रा का प्रमाण हैं।

‘मोदीज मिशन’ : वडनगर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक के सफर पर किताब होगी लॉन्च

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असाधारण जिंदगी और राजनीतिक सफर पर लिखी गई बायोग्राफी की लिस्ट में 'मोदीज मिशन' नाम की एक नई किताब भी शामिल होने वाली है। इस किताब को शुक्रवार को मुंबई में लॉन्च किया जाएगा।

जनता की आवाज का शायर: अदम गोंडवी और ‘चमारों की गली’ का विद्रोह

मुंबई, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। अदम गोंडवी, जिनका वास्तविक नाम रामनाथ सिंह था, हिंदी साहित्य के उन चुनिंदा कवियों में से एक हैं जिन्होंने अपनी तीखी और साहसी कविताओं के माध्यम से सामाजिक अन्याय, गरीबी, जातिवाद और राजनीतिक भ्रष्टाचार को निशाना बनाया। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1947 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के अट्टा परसपुर गांव में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। 

विशेष: पद्मश्री प्रो. दिगंबर हांसदा, संविधान का ‘ओलचिकी’ में किया अनुवाद, ‘संथाल’ की रहे...

रांची, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। संथाली साहित्य के विमर्श में आत्मसम्मान और सांस्कृतिक चेतना केंद्र बिंदु में रहे हैं। झारखंड के संथाल परगना में देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जैसे जिले शामिल हैं, और यहां की शख्सियतों में डॉ. दिगंबर हांसदा किसी 'पूज्य' व्यक्तित्व से कम नहीं हैं।

साहित्य के नोबेल पुरस्कार 2025 का ऐलान, हंगरी के लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को मिला...

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार का ऐलान कर दिया। इन पुरस्कारों की घोषणा शाम 4:30 बजे की गई। इस बार साहित्य के नोबेल पुरस्कार से हंगरी के लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड उन लेखकों को मिलता है, जिन्होंने शानदार किताबें या कविताएं लिखकर साहित्य में खास योगदान दिया हो। 1954 में जन्मे हैं।

‘एक दीया, जो बुझा नहीं’, कैलाश सत्यार्थी की वह कहानी जो इतिहास बन गई

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। यह सिर्फ एक पुरस्कार की कहानी नहीं है। यह उस लड़ाई की गवाही है, जो एक इंसान ने उन लाखों बच्चों के लिए लड़ी, जिनकी आवाज कोई नहीं सुनता था। यह कहानी है कैलाश सत्यार्थी की, एक ऐसा नाम, जिसने न सिर्फ बच्चों की आजादी की अलख जगाई, बल्कि दुनिया को यह बताया कि बदलाव की शुरुआत एक अकेले दीये से भी हो सकती है।

पीएम मोदी ने लिखा मेलोनी की आत्मकथा का प्राक्कथन, इटली की पीएम बोलीं- सम्मानित...

रोम, 29 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा ‘आई एम जॉर्जिया’ के भारतीय संस्करण का प्राक्कथन लिखा है। पीएम मोदी ने उन्हें एक "असाधारण राजनीतिक नेता बताया, जो विचारों को जोड़ती हैं" और उनकी आत्मकथा को "मन की बात", यानी मन से निकले विचारों की संज्ञा दी।

हिंदी साहित्य के फक्कड़ कवि वीरेन दा, जिनके शब्द आम आदमी की आवाज बन...

नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदी कविता की दुनिया में सहजता, सरलता और बेबाकी के लिए याद किए जाने वाले कवि वीरेन डंगवाल पाठकों और मित्रों के बीच 'वीरेन दा' के नाम से जाने जाते थे। अपनी रचनाओं से उन्होंने हिंदी कविता की नई पीढ़ी के आदर्श कवि के रूप में पहचान बनाई थी। उनकी रचनाओं की खासियत यह थी कि वे आम बात को बेहद खास बना देते थे।

ठुमरी की रानी : शोभा गुर्टू की गायकी और अभिव्यक्ति ने बनाई विश्वभर में...

मुंबई, 26 सितंबर (आईएएनएस)। गायिका शोभा गुर्टू ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की ठुमरी शैली को एक नया आयाम दिया। ठुमरी, जो अपनी नजाकत और भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए जानी जाती है, समय के साथ थोड़ी पिछड़ रही थी, लेकिन शोभा गुर्टू ने अपनी विलक्षण आवाज और प्रभावशाली अदाकारी के बल पर इसे पुनर्जीवित किया। उनके इस अभूतपूर्व योगदान के कारण, उन्हें 'ठुमरी की रानी' कहा जाने लगा, और वे इस भावप्रधान गायन शैली की महान और महत्वपूर्ण प्रस्तुतकर्ताओं में से एक मानी जाती हैं।

विश्वरंग श्रीलंका 2025 में भारतीयता और वैश्विक संस्कृति का होगा संगम

कोलंबो/भोपाल : 26 सितम्बर/ भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने वाले विश्व प्रसिद्ध महोत्सव “विश्वरंग” का आयोजन इस वर्ष...

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