नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली ब्लास्ट के बाद से अल-फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में बनी हुई है। इसी बीच शनिवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर धोखाधड़ी यानी चीटिंग के मामले में है, जबकि दूसरी फॉर्जरी की धाराओं के तहत है।
सुबह-सुबह ही क्राइम ब्रांच की टीम ओखला स्थित यूनिवर्सिटी के दफ्तर पहुंची और वहां नोटिस थमाया। साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज भी मांगे गए हैं ताकि ये पता चल सके कि यूनिवर्सिटी के कामकाज में कोई गड़बड़ी तो नहीं है।
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में 10 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस धमाके की जांच में हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल में काम करने वाले कुछ डॉक्टर देशभर में कई धमाके करने की साजिश रच रहे थे। वहीं धमाके के बाद से कुछ डॉक्टर गायब भी बताए जा रहे हैं।
इसी बीच फरीदाबाद जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की जमीनों की भी गहन जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन ये पता लगाने में जुटा है कि यूनिवर्सिटी की जमीन का कितना हिस्सा असल में इस्तेमाल हो रहा है और कितना खाली पड़ा है। सिर्फ जमीन की माप ही नहीं, बल्कि ये भी देखा जा रहा है कि जमीन किससे और किस कीमत पर खरीदी गई थी।
यूनिवर्सिटी ने जमीन खरीदने में किन लोगों को पैसे दिए, कितने दिए और ट्रांजैक्शन का पूरा रिकॉर्ड क्या था, यह भी जांच के दायरे में है। प्रशासन को ये पता लगाना है कि कहीं जमीन के लेन-देन में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई। अभी मामला शुरुआती जांच के दौर में है, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी यूनिवर्सिटी से जुड़े और भी खुलासे होने की संभावना है।

