नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने इस साल 31 अगस्त तक 931 लापता व्यक्तियों को खोजकर उनके परिवारों से मिलाने का सराहनीय कार्य किया है। इनमें 306 नाबालिग और 625 वयस्क शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने 1 से लेकर 31 अगस्त तक 130 लापता (48 बच्चे और 82 वयस्क) लोगों को सुरक्षित उनके परिजनों से मिलाया। पुलिस ने इस काम को “ऑपरेशन मिलाप” के तहत अंजाम दिया, जिसमें उनकी त्वरित कार्रवाई और समर्पण स्पष्ट झलकता है।
अगस्त में दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की विभिन्न इकाइयों और थानों ने शानदार प्रदर्शन किया। कापसहेड़ा थाने की टीम ने 10 से 18 वर्ष की आयु के 14 बच्चों को खोजा और 13 वयस्कों (10 पुरुष और 3 महिलाएं) को उनके परिवारों से मिलाया।
एएचटीयू, दक्षिण-पश्चिम जिला की टीम ने 14 बच्चों, जिनमें 1 लड़का और 13 लड़कियां थीं, को ढूंढ निकाला। सागरपुर थाने ने 3 बच्चों ( 2 लड़के और 1 लड़की) और 15 वयस्कों को खोजा। पालम गांव थाना पुलिस ने 2 नाबालिग लड़कियों और 13 वयस्कों को बरामद किया।
वसंत कुंज दक्षिण थाने ने 2 नाबालिग लड़कों और 9 वयस्कों को उनके परिवारों से मिलाया। दिल्ली कैंट थाने ने 2 नाबालिग लड़कों और 3 वयस्कों (1 पुरुष और 2 महिलाएं) को ढूंढा।
किशनगढ़ थाने ने 14 वर्ष की एक नाबालिग लड़की और 6 महिलाओं को बरामद किया। वसंत कुंज उत्तर थाने ने 4 बच्चों (1 लड़का और 3 लड़कियां) और 6 वयस्कों (1 पुरुष और 5 महिलाएं) को उनके परिजनों से मिलाया।
आर.के. पुरम थाने ने 3 बच्चों (1 लड़का और 2 लड़कियां) और 1 महिला को ढूंढा। एस.जे. एन्क्लेव थाने ने 4 नाबालिग लड़कियों और 5 वयस्कों (4 पुरुष और 1 महिला) को ढूंढा।
वसंत विहार पुलिस चौकी ने 3 वयस्कों (1 पुरुष और 2 महिलाएं), सरोजिनी नगर पुलिस चौकी ने 7 वयस्कों (3 पुरुष और 4 महिलाएं), जबकि दक्षिण परिसर पुलिस चौकी ने 2 लापता महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाया।
पुलिस ने लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। जैसे ही लापता होने की सूचना मिली, तलाशी अभियान शुरू किया गया। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की गई। पुलिस ने ऑटो स्टैंड, ई-रिक्शा स्टैंड, बस स्टैंड तथा रेलवे स्टेशनों पर लापता लोगों की तस्वीरें दिखाईं। स्थानीय लोगों, बस चालकों, कंडक्टरों और दुकानदारों से पूछताछ की गई।
इसके अलावा स्थानीय मुखबिरों की मदद ली गई और आसपास के पुलिस थानों व अस्पतालों के रिकॉर्ड खंगाले गए। इन समन्वित प्रयासों से पुलिस को लापता लोगों का पता लगाने में बड़ी सफलता मिली।
इन सभी प्रयासों ने न केवल लापता लोगों को उनके परिजनों तक पहुंचाया, बल्कि पुलिस के प्रति समुदाय का भरोसा भी बढ़ाया। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने भविष्य में भी “ऑपरेशन मिलाप” के तहत ऐसे अभियान जारी रखने का संकल्प लिया है।