पणजी, 10 सितंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पणजी जोनल ऑफिस ने 9 और 10 सितंबर को गोवा और हैदराबाद में कुल 13 आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों पर छापेमारी की। यह छापेमारी यशवंत सावंत और अन्य के खिलाफ की गई है, जो गोवा के कम्यूनिडेड लैंड के अवैध कब्जे से जुड़े मामले में आरोपी हैं। कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई।
यह जांच गोवा पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें विभिन्न धाराओं के तहत अंजुना कम्यूनिडेड की भूमि के अवैध अधिग्रहण का आरोप लगाया गया था। ईडी की जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने गोवा के प्रमुख इलाकों जैसे अंजुना और अस्सागांव में स्थित 3,50,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि को झूठे दस्तावेजों के जरिए अपने नाम पर करवा लिया। इन दस्तावेजों को संबंधित अधिकारियों के पास जमा कर दिया गया, ताकि म्यूटेशन की प्रक्रिया को आसानी से पूरा किया जा सके।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन आरोपियों ने इन अवैध रूप से कब्जे में ली गई संपत्तियों को विभिन्न व्यक्तियों को बेचकर काले धन के रूप में अपराध की आय की वसूली की। इस कारोबार से कई करोड़ रुपए का काला धन जुटाया गया। आरोपियों द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्तियों की कुल बाजार मूल्य 1,200 करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है।
सर्च ऑपरेशन के दौरान, लगभग 72 लाख रुपए नकद जब्त किए गए। इसके अलावा, 7 हाई-एंड वाहन जैसे पोर्शे केमैन, बीएमडब्ल्यू 650 एल, रेंज रोवर, मर्सिडीज बेंज, बीएमडब्ल्यू एम5, ऑडी ए-6 आदि भी जब्त किए गए।
इसके अलावा, आरोपियों के बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट्स को भी फ्रीज कर दिया गया। इन संपत्तियों और लेन-देन से संबंधित विभिन्न साक्ष्य और दस्तावेज भी बरामद किए गए।
यह कार्रवाई अभी भी जारी है और संभावना जताई जा रही है कि गोवा में अवैध भूमि कब्जे से जुड़े कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी संकेत दिया है कि इस मामले की गहरी जांच के बाद एक बड़ा नेटवर्क सामने आ सकता है, जो अवैध रूप से भूमि कब्जे के कारोबार में शामिल है।