पणजी, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। गोवा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी क्षेत्रीय कार्यालय ने सात आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज की है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी और उससे जुड़े धन शोधन से संबंधित है।
ईडी ने तंजानियाई नागरिक वेदास्तो औडैक्स, मासूम उइके, चिराग दुधात, जिम्बाब्वे नागरिक तारिरो ब्राइटमोर मंगवाना, रेशमा वाडेकर, मंगेश वाडेकर और निबू विंसेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। जांच की शुरुआत गोवा पुलिस की अपराध शाखा की ओर से लाओस से भारत में 4.325 किलोग्राम कोकीन की तस्करी के संबंध में दर्ज प्राथमिकी से हुई थी।
ईडी ने 19 अगस्त को दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, हरियाणा, झारखंड और उत्तर प्रदेश में एक साथ छापेमारी अभियान चलाया था। इन छापों के दौरान कई डिजिटल साक्ष्य, आपत्तिजनक दस्तावेज और बैंक खाते जब्त किए गए थे।
जांच के दौरान जिम्बाब्वे के नागरिक तारिरो ब्राइटमोर मंगवाना को 22 अगस्त को पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया। वह भारतीय नागरिकों को ‘ड्रग कूरियर’ के रूप में भर्ती कर उनकी यात्रा की व्यवस्था करता था और इसके बदले तंजानियाई मुख्य आरोपी वेदास्तो औडैक्स से कमीशन प्राप्त करता था।
ईडी ने 18 अक्टूबर को पीएमएलए की धारा 5 के तहत 45.15 लाख रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है। यह संपत्ति पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित रेशमा वाडेकर के नाम पर है, जो मार्च 2025 में वियनतियाने से 4.3 किलोग्राम कोकीन भारत लाई थी। अब तक की वित्तीय जांच में कुल 88.14 लाख रुपए की अवैध आय का पता चला है।
ईडी की जांच से खुलासा हुआ है कि आरोपी गोल्डन ट्रायंगल, मध्य पूर्व, नेपाल और बांग्लादेश से संचालित अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े हैं, जो ड्रग तस्करी और धन शोधन के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा हैं। अवैध धन के लेनदेन के लिए फर्जी संस्थाओं और बेनामी खातों का उपयोग किया गया ताकि धन के स्रोत को छिपाया जा सके।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वह मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने और उनके वित्तीय ढांचे को समाप्त करने के अपने प्रयास जारी रखेगा। यह कार्रवाई ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के राष्ट्रीय उद्देश्य के अनुरूप है, जिसके तहत देश को नशे से मुक्त बनाना लक्ष्य है।













