नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने सोमवार को कार्यभार संभालते हुए सीएम ऑफिस में एक खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ दी और खुद दूसरी कुर्सी पर बैठी। जिसको लेकर भाजपा हमलावर है।
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए दिल्ली के परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार और महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि, भाजपा को सोचना चाहिए कि वे भारतीय संस्कृति का विरोध कर रहे हैं या भगवान राम का।
आईएएनएस के साथ बातचीत में मंत्री कैलाश गहलोत ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने से लेकर दिल्ली सरकार में कार्यभार संभालने तक कई विषयों पर बात की।
सवाल- अब जब आपने कार्यभार संभाल लिया है तो आपका पहला काम क्या होगा?
जवाब- सभी लंबित प्रस्ताव और योजनाएं पहले मंजूर की जाएंगी। उदाहरण के लिए सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) फाइल जिसमें आजीवन कारावास की सजा काट रहे लोगों के नाम शामिल हैं, जिनकी हम जल्द रिहाई की उम्मीद करते हैं। एसआरबी फाइल उपराज्यपाल (एलजी) को भेजी गई थी, लेकिन अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति के कारण यह वापस आ गई। आज हम सभी लंबित फाइलों को फिर से सीएम को भेज रहे हैं। फिर वे एलजी के पास जाएंगे और उसके बाद लंबित प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी।
सवाल- मुख्यमंत्री आतिशी ने पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद एक कुर्सी खाली छोड़ दी। इस पर विवाद हुआ और भाजपा ने इसे ‘संविधान का मजाक’ बताया। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- मुझे लगता है कि अपने बड़ों, गुरु और अपने बड़े भाई का सम्मान करना हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। भरत ने भी भगवान राम की खड़ाऊं को कुर्सी पर रखकर 14 साल तक राज किया था। इसलिए अगर कोई हमारी संस्कृति से प्रेरित होकर वैसा ही करना चाहता है तो मेरी राय में वह कभी गलत नहीं हो सकता। इसलिए भाजपा को सोचना चाहिए कि वह हमारी भारतीय संस्कृति का विरोध कर रही है या भगवान राम का?
सवाल- महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने की योजना कब शुरू होगी?
जवाब- महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह देने की योजना जल्द ही लागू की जाएगी। हम संबंधित विभाग से प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट के सामने रखेंगे। इसके बाद इसे दिल्ली में लागू किया जाएगा।
सवाल- अमेरिका में सिख समुदाय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- प्रधानमंत्री अमेरिका में थे, जहां उन्होंने विभिन्न समुदायों के लोगों से मुलाकात की। लेकिन, मैं उनसे अनुरोध करना चाहूंगा कि पहले देश की समस्याओं का समाधान करें और फिर विदेश में स्थानीय समुदाय से मिलें।