अफ्रीकी मादा चीता और दो शावक गुरुवार को कूनो के जंगल में छोड़े जाएंगे

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भोपाल, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। साउथ अफ्रीकी मादा चीता वीरा (भारतीय नाम) और उसके दो 10 महीने के शावकों को गुरुवार को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) के खुले जंगल में एक बड़े बाड़े से छोड़ा जाएगा।

4 दिसंबर को इंटरनेशनल चीता डे के मौके पर चीतों को एक खास कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव जंगल में छोड़ेंगे।

पांच साल की मादा चीता वीरा, जिसे फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से लाया गया था, वह 12 चीतों में से एक थी और उसने इस साल फरवरी में दो शावकों को जन्म दिया था।

बुधवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव पार्क में नई बनी सोविनियर शॉप का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से तीन साल पहले ‘प्रोजेक्ट चीता’ मध्य प्रदेश में आया था, जब उन्होंने 17 सितंबर, 2022 को अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ा था, ताकि इस प्रोजेक्ट को औपचारिक रूप से लॉन्च किया जा सके। इसके लिए नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था।

प्रोजेक्ट के तीन साल बाद, कूनो और गांधी सागर सैंक्चुअरी में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।

इस प्रोजेक्ट के तीन साल के सफल सफर में पांच मादा चीतों ने छह बार बच्चे को जन्म दिया है। यह प्रोजेक्ट की सफलता और मजबूती को दिखाता है, चीते न सिर्फ जिंदा हैं, बल्कि लगातार अपने परिवार भी बढ़ा रहे हैं।

सरकार का कहना है कि इंटरनेशनल चीता डे का मुख्य मकसद चीतों की घटती आबादी, उनके रहने की जगह के नुकसान और अवैध शिकार के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, साथ ही उनके बचाव के लिए दुनिया भर में हो रही कोशिशों को बढ़ावा देना है।

मध्य प्रदेश के एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेशन ऑफ फॉरेस्ट (एपीसीसीएफ) और लायन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर, उत्तम कुमार शर्मा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि चीता परिवार की लगातार मॉनिटरिंग एडवांस्ड रेडियो-ट्रैकिंग सिस्टम और डेडिकेटेड फील्ड टीमों के जरिए की जाएगी, ताकि उनकी सुरक्षा और जंगल में सफल अडैप्टेशन पक्का हो सके।

उन्होंने आगे बताया कि यह इवेंट कूनो नेशनल पार्क के पारोंड फॉरेस्ट एरिया में होगा, जो एक डेजिग्नेटेड टूरिज्म जोन है। इस इलाके में चीता परिवार की मौजूदगी से इकोटूरिज्म के लिए नए मौके पैदा होने, लोगों की भागीदारी बढ़ने और प्रोजेक्ट चीता में दिलचस्पी बढ़ने की उम्मीद है।