राहुल गांधी की कर्नाटक यात्रा का मकसद आदिवासी कल्याण बोर्ड घोटाले को छिपाना था : भाजपा

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बेंगलुरु, 7 जून (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी के दौरे का उद्देश्य आदिवासी कल्याण बोर्ड घोटाले को छुपाना था।

भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर भी निशाना साधते हुए कहा, “इतने बड़े पैमाने पर हेराफेरी उनकी जानकारी के बिना संभव नहीं थी।”

कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम अश्वथ नारायण ने मीडियाकर्मियों से कहा, “कर्नाटक में राहुल गांधी और कांग्रेस सरकार ने दलितों का पैसा लूटा है। क्या आप इस सरकार का इस्तीफा लेने आए हैं? क्या आप महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक बसवराज दद्दल का इस्तीफा लेंगे?”

उन्होंने आगे कहा कि क्या आप उन्हें पार्टी से निकाल देंगे? क्या आप उन्हें गिरफ्तार करवाएंगे? क्या आप चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल को निकालेंगे, जिन्होंने घोटाले के सबूत मिटाने के लिए बैठक की थी? ऐसा लगता है कि इस घोटाले के पीछे एक बड़ा नेटवर्क है और सभी लाभार्थी हैं। अपराध करने के बाद सरकार पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र का इस्तीफा लेने के लिए संघर्ष कर रही है। सीबीआई जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करेगी।

पूरी कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। दलितों के लिए आया पैसा अवैध तरीके से दूसरे राज्यों में भेज दिया गया है। यदि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया में थोड़ी भी नैतिकता और सम्मान है, तो उन्हें तुरंत अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। उनकी सहमति और जानकारी के बिना राज्य के खजाने से इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर करना कैसे संभव है?

भाजपा विधायक चलवाडी नारायणस्वामी ने भी कहा, “मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की जानकारी के बिना इस घोटाले का होना असंभव है। उन्होंने मांग की कि सीबीआई को मुख्यमंत्री के खिलाफ भी जांच करनी चाहिए।”

मुख्यमंत्री खुद को दलितों का प्रेमी बताते हैं, लेकिन उनकी रक्षा करने में विफल रहे हैं। अगर भाजपा के संगठित आंदोलन नहीं होते, तो मामला दबा दिया जाता। दलित मंत्रियों का इस्तेमाल दलितों को धोखा देने के लिए किया जा रहा है।