नई दिल्ली, 28 सितंबर (आईएएनएस)। शक्तिशाली लेबनानी आतंकी ग्रुप हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मार गिराया है। हिजबुल्लाह ने भी नसरल्लाह की मौत की पुष्टि कर दी है। आईडीएफ का कहना है कि शुक्रवार रात हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर किए हमले में नसरल्लाह की मौत हो गई। नसरल्लाह का मारा जाना हिजबुल्ला के लिए सबसे बड़ी चोट है। उसके नेतृत्व में जहां हिजबुल्लाह ने अपनी सैन्य क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया, वहीं ईरान के साथ मजबूत गठबंधन बनाए रखा।
नसरल्लाह, 1982 में लेबनान पर इजरायली आक्रमण के बाद, हिजबुल्लाह की स्थापना के समय से ही इसके साथ जुड़ा हुआ था। 1992 में उसने संगठन के नेता के रूप में कार्यभार संभाला और इसे एक राजनीतिक-सैन्य इकाई बनाने का लक्ष्य रखा।
इजरायली चीफ ऑफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट कर्नल हर्जी हलेवी ने कहा, “हिजबुल्लाह के लीडर के रूप में 32 वर्षों के कार्यकाल के दौरान, आतंकवादी हसन नसरल्लाह कई इजरायली नागरिकों और सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार था। वह इजरायल स्टेट और दुनिया भर में हजारों आतंकी योजनाएं बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए जिम्मेदार था।”
हलेवी का यह बयान हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर इजरायली हमले के कुछ घंटों बाद आया।
नसरल्लाह का हिजबुल्लाह पर पूरा नियंत्रण था। वह संगठन का महासचिव होने के साथ ही शूरा परिषद का प्रमुख था। शूरा परिषद हिजबुल्लाह के धार्मिक, सैन्य, रणनीतिक मामलों के लिए फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने लेबनान के भीतर राजनीतिक वैधता हासिल की।
नसरल्लाह के मार्गदर्शन में हिजबुल्लाह ने अपनी मिलिट्री ताकत में फुल टाइम फाइटर्स की संख्या 20,000 से 25,000 तक बढ़ा ली और हजारों की संख्या में रिजर्व लड़ाके भी रख लिए.
आईडीएफ के मुताबिक हिजबुल्लाह ने पिछले कुछ दशकों में खुद को ‘दुनिया का सबसे शक्तिशाली नॉन स्टेट एक्टर’ बना लिया।
आईडीएफ ने बताया, ‘हिजबुल्लाह की सैन्य ताकत किसी मध्यम आकार के देश की सेना के बराबर है। इसमें 150,000 से अधिक रॉकेट और मिसाइलें हैं, इनमें ईरान निर्मित फज्र-5 और जेलजल-2 रॉकेट शामिल हैं। ये हथियार इस बात का सबूत है कि हिजबुल्लाह इजरायली सुरक्षा के लिए कितना बढ़ा खतरा है।’
नसरल्लाह को पिछले 42 वर्षों में इजरायल और पश्चिमी टारगेट्स के खिलाफ हिजबुल्लाह के आतंकी हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता है।
आईडीएफ का कहना है, “9/11 तक, हिजबुल्लाह दुनिया के किसी भी आतंकी संगठन की तुलना में अधिक अमेरिकी मौतों के लिए जिम्मेदार था।”
इजरायली सरकार ने पिछले कई वर्षों से नसरल्लाह की ‘चरम यहूदी विरोधी भावना’ से भरे सार्वजनिक बयानों के लिए भी आलोचना की थी।
हिजबुल्लाह को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, अर्जेंटीना, कोलंबिया, होंडुरास, इजरायल, नीदरलैंड, पैराग्वे और कई अन्य देशों द्वारा वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया।
यूएस डायरेक्टर नेशनल इंटेलिजेंस (डीआरआई) का मानना है कि “हिजबुल्लाह के पास देश जैसी सैन्य क्षमताएं हैं, जिनमें वायु रक्षा प्रणाली, जहाज-रोधी, टैंक-रोधी और मिसाइलें, रॉकेट और मानवरहित एयरक्राफ्ट सिस्टम शामिल हैं। हिजबुल्लाह कई तरह की रणनीतियों में महिर है, जिसमें घात लगाकर हमला करना, हत्या करना, बमबारी करना, अप्रत्यक्ष-फायर अटैक, अपहरण और अन्य सीक्रेट ऑपरेशन शामिल हैं।”
पिछले साल 8 अक्टूबर को हिजबुल्लाह और इजरायल के खिलाफ युद्ध में शामिल होकर लेबनान और पूरे क्षेत्र बेहद तनावपूर्ण बना दिया।