नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)! वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन और राष्ट्रीय नीति के तहत 2015 में इसकी शुरुआत के बाद से लगभग 1.4 करोड़ उम्मीदवारों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत प्रशिक्षित किया गया है। कौशल विकास और उद्यमिता पर 2014 में लॉन्च किया गया।
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट ‘भारतीय अर्थव्यवस्था : एक समीक्षा’ के अनुसार, कौशल, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में पहचाने जाने वाले हाल ही में लॉन्च किए गए स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म को भारत में कौशल प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
बड़े पैमाने पर कौशल को बढ़ावा देने के ठोस प्रयास के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, विश्व कौशल प्रतियोगिताओं में भारत की स्थिति 2011 में 39वें से बढ़कर 2022 में 11वें स्थान पर पहुंच गई है।
कहा गया है, “इसके अलावा, इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2023 के अनुसार, अंतिम वर्ष और प्री-फाइनल वर्ष के छात्रों का रोजगार योग्य प्रतिशत 2014 में 33.9 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 51.3 प्रतिशत हो गया है। रोजगार योग्यता को ऑनलाइन व्हीबॉक्स नेशनल के आधार पर मापा जाता है।“
उच्च शिक्षा में नामांकन में वृद्धि, 2013-14 में 3.2 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 4.1 करोड़ और बढ़ती रोजगार दर का संयोजन भारत के युवा कार्यबल के विस्तार और बढ़ी हुई रोजगार क्षमता को रेखांकित करता है।
समीक्षा में कहा गया है कि कौशल विकास में परिवर्तनकारी प्रगति से चिह्नित एक दशक में, अब ध्यान शिक्षा पाठ्यक्रम में कौशल को मुख्यधारा में लाने पर केंद्रित हो गया है, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में उल्लिखित है।
यह भी यह कहा गया है, “मौजूदा कार्यबल के एक बड़े हिस्से को भविष्य में प्रासंगिक कौशल में कुशल बनाने की जरूरत स्पष्ट है। पीएलएफएस 2022-23 रिपोर्ट बताती है कि 15-59 वर्ष की आयु के 72.6 प्रतिशत श्रमिकों को कोई औपचारिक या अनौपचारिक व्यावसायिक/तकनीकी प्रशिक्षण नहीं मिला। 15-49 आयु वर्ग के 50.2 प्रतिशत पुरुषों और 41 प्रतिशत महिलाओं के पास दस या अधिक वर्षों की स्कूली शिक्षा है, शिक्षा-कौशल निरंतरता का लाभ उठाने का एक प्रमुख अवसर है।”