महाराष्ट्र एटीएस की कार्रवाई, पुणे से ‘आतंकवादी संबंध’ के आरोप में सॉफ्टवेयर इंजीनियर गिरफ्तार

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मुंबई, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को पुणे में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया। उस पर पाकिस्तान के अलकायदा जैसे प्रतिबंधित संगठनों से कथित संबंध होने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में भूमिका निभाने का आरोप है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।

पिछले महीने से पुणे एटीएस की निगरानी में रहे जुबैर हंगरकर को गिरफ्तारी के तुरंत बाद अदालत में पेश किया गया। विशेष यूएपीए अदालत ने उसे 4 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे शहर के कोंढवा इलाके से गिरफ्तार किए गए आरोपी पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने अदालत को बताया कि जुबैर हंगरकर कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल था और महाराष्ट्र तथा अन्य शहरों में आतंकी हमलों की योजना बना रहा था।

पुलिस ने कहा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर के परिसरों की तलाशी के दौरान युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री मिली।

वहीं, इसी तरह की एक अन्य कार्रवाई में पुणे पुलिस ने 27 अक्टूबर को पुणे रेलवे स्टेशन पर चेन्नई एक्सप्रेस से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 9 अक्टूबर को एटीएस ने पुणे में कई ठिकानों पर छापेमारी की और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और सामग्री बरामद की, जिससे क्षेत्र में एक व्यापक आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी का संकेत मिलता है।

सोमवार को पुणे एटीएस की कार्रवाई, इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक मामले में दिल्ली के सादिक नगर से मोहम्मद अदनान खान उर्फ ​​अबू मुहरिब (19) और भोपाल से अदनान खान उर्फ ​​अबू मोहम्मद (20) की गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद हुई है।

इन दोनों गिरफ्तारियों से संकेत मिलता है कि आईएस की ऑनलाइन कट्टरपंथी शाखा बेहद सक्रिय है।

दिल्ली मामले की अब तक की जांच से पता चला है कि दोनों ऑनलाइन कट्टरपंथी बन गए थे और सीरिया में एक हैंडलर को रिपोर्ट कर रहे थे।

यह तथ्य कि दोनों को सीरिया से नियंत्रित किया जा रहा था, स्पष्ट रूप से देश में समूह के पुनरुत्थान का संकेत देता है।

हालांकि, इस्लामिक स्टेट सीरिया में पराजित हो गया था, फिर भी उसने जोरदार वापसी की है।

इस साल उसने 115 हमले किए हैं, जबकि पिछले साल 72 हमले हुए थे, यह इस बात का संकेत है कि यह समूह और भी मजबूत हो गया है।

खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि भारत में उसके अभियान सीरिया से चलाए जा रहे हैं।