2024 की पहली छमाही में भारतीय एफएमसीजी सेक्टर में हुए 938 मिलियन डॉलर के विलय और अधिग्रहण

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नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। भारत के एफएमसीजी सेक्टर में 2024 के शुरुआती छह महीने में विलय और अधिग्रहण की गतिविधियां बढ़कर 938 मिलियन डॉलर रही।

वेंचर इंटेलिजेंस द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, यह पिछले चार वर्षों में घरेलू फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) मार्केट का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।

जनवरी में इस वर्ष टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने ऑर्गेनिक इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। फेब इंडिया के स्वामित्व वाली यह कंपनी चाय, हर्बल सप्लीमेंट और पैक्ड फूड्स बेचती है। यह एक ऑल-कैश डील थी। इसका डील का साइज 1,900 करोड़ रुपये था।

इससे पहले टाटा की ओर से कैपिटल फूड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी गई थी। यह कंपनी चिंग्स सीक्रेट और स्मिथ एंड जोन्स ब्रांड्स के तहत उत्पाद बेचती है। यह भी ऑल-कैश डील थी। इसका साइज 5,100 करोड़ रुपये था।

प्राइवेट इक्विटी (पीई) और वेंचर कैपिटल (वीसी) की ओर से इस साल की पहली छमाही में 593 मिलियन डॉलर की डील की गई है।

इस हफ्ते जारी एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में एफएमसीजी सेक्टर की आय 7 से 9 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इसकी वजह अधिक वॉल्यूम का होना, ग्रामीण मांग का वापस आना और शहरी क्षेत्र में वृद्धि जारी रहना है।

क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से 77 कंपनियों पर की गई स्टडी में बताया गया कि वित्त वर्ष 24 में एफएमसीजी सेक्टर में वृद्धि दर 5 से 7 प्रतिशत थी। वहीं, वित्त वर्ष 25 में वृद्धि दर इसी तरह की रह सकती है।

ग्रामीण भारत में सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च करने के कारण ग्रामीण आबादी के पास अधिक पैसे बच रहे हैं। इससे उनकी खर्च योग्य आय में बढ़ोतरी हो रही है।