नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि मेटाबोलिक और बैरिएट्रिक सर्जरी 70 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले रोगियों के लिए सुरक्षित है।
जब खाने-पीने और वर्कआउट के बाद भी व्यक्ति का वजन कम नहीं हो पाता तो उसका वजन घटाने के लिए यह सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी मुख्य रूप से 35 या उससे अधिक बीएमआई वाले लोगों में की जाती है। वजन के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को यह सर्जरी करवाने की जरूरत पड़ती है।
बेरियाट्रिक सर्जरी कराने वालों के लिए वैसे तो बीएमआई की कोई वैल्यू निर्धारित नहीं की गई है। मगर ऐसा माना जाता है कि अगर मरीज का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अधिक है तो उसे सर्जरी के बाद कई तरह की परेशानियां आ सकती है।
अमेरिका में पेनिंग्टन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर की एक टीम के नेतृत्व में किए गए शोध में अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त 84 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिन्होंने मेटाबोलिक या बैरिएट्रिक सर्जरी करवाई थी।
ओबेसिटी सर्जरी पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि सर्जरी-आधारित मोटापे के उपचार से ऑपरेशन के 30 दिन बाद जटिलताओं की दर कम हुई।
पेनिंगटन बायोमेडिकल में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता और सर्जिकल रिसर्च फेलो डॉ. फ्लोरिना कॉर्पोडियन ने कहा, ”मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और उन्हें एक खास तरह की देखभाल की आवश्यकता है। यह लोग अपने बढ़े हुए बीएमआई के कारण उच्च जोखिम वाले माने जा सकते हैं, मोटापे से पीड़ित इस तरह के लोगों के लिए यह सर्जरी मुख्य रूप से सुरक्षित है।”
तेजी से बढ़ते मोटापे की दर में वृद्धि के साथ डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अब 70 से अधिक बीएमआई वाले लोगों के इलाज में लगे है। यह सर्जरी वजन कम करने के साथ मोटापे से जुड़ी मेटाबोलिक समस्याओं का इलाज करने में भी मदद करती है।
शोधकर्ताओं ने दिखाया कि गंभीर रूप से मोटे रोगियों ने बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद वजन कम किया। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्जरी के एक साल बाद तक भी मरीजों को कोई परेशानी नहीं आई।