चेन्नई, 2 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को ओडिशा में 3,200 मेगावाट की पिट हेड ग्रीन फील्ड थर्मल पावर परियोजना के पहले चरण की आधारशिला रखेंगे। इसका निर्माण एनएलसी इंडिया कर रही है।
कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कंपनी अगले वित्तीय वर्ष में लगभग 40,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बना रही है और लिग्नाइट से मेथनॉल परियोजना साल 2027-28 में चालू होने की उम्मीद है, जो प्रतिदिन 1,200 टन का उत्पादन करेगी।
पत्रकारों से बात करते हुए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने बताया कि पहला चरण 2,400 मेगावाट (3 गुणा 800 मेगावाट) का होगा, जिसकी पीएम मोदी आधारशिला रखेंगे। दूसरा चरण 800 मेगावाट का प्लांट बाद में लगाया जाएगा। ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में यह बिजली परियोजना अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी।
मोटुपल्ली ने बताया कि पहला चरण 2028-29 में शुरू होगा। उनके अनुसार, दोनों चरणों के लिए कुल परिव्यय 35,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। पहले चरण में लगभग 27,200 करोड़ रुपये लगेंगे। फंडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह ऋण, आंतरिक संचय और परिसंपत्ति मुद्रीकरण से जुटाई गई राशि का मिश्रण होगा।
एनएलसी इंडिया अपनी नवीकरणीय ऊर्जा सहायक कंपनी को लगभग 1.4 गीगावॉट हस्तांतरित करके लगभग 5,000 करोड़ रुपये जुटाएगी।
ओडिशा परियोजना के लिए भूमि कितनी अधिग्रहित की गई है, इस बारे में पूछे जाने पर मोटुपल्ली ने कहा, कुल जरुरत लगभग 1,600 मेगावाट है, जिसमें से लगभग 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है और 300 एकड़ से अधिक कंपनी के कब्जे में है।
उन्होंने बताया कि कोयला मंत्रालय के तहत 3,200 मेगावाट की परियोजना सबसे बड़ी बिजली परियोजना होगी। पहले चरण से उत्पन्न बिजली तमिलनाडु (1,500 मेगावाट), ओडिशा (400 मेगावाट), केरल (400 मेगावाट) और पुडुचेरी (100 मेगावाट) को आपूर्ति की जाएगी।
दूसरे चरण से बिजली आपूर्ति में, ओडिशा के लिए 400 मेगावाट होगा और शेष कोयला मंत्रालय द्वारा तय किया जाएगा। एनएलसी इंडिया ने 2,400 मेगावाट बिजली परियोजना के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुबंध दिया है। एनएलसी इंडिया की 20 एमटीपीए तालाबीरा 2 और 3 ओसीपी खदानों से कोयला लिंकेज उपलब्ध है, जो ओडिशा के झारसुगुड़ा और संबलपुर जिलों में वर्ष 2020 से पहले से ही चालू है।
परियोजना के लिए आवश्यक पानी हीराकुंड जलाशय से जुड़ा हुआ है। ‘हरित’ पहल के हिस्से के रूप में बॉयलरों को जैव द्रव्यमान की सह-फायरिंग के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा।
कंपनी ने कहा, पिट हेड थर्मल पावर प्रोजेक्ट होने के नाते, परिवर्तनीय लागत प्रतिस्पर्धी होगी और एनएलसी इंडिया अपने लाभार्थियों को कम लागत वाली बिजली प्रदान करेगी।
मोटुपल्ली ने कहा कि एनएलसी इंडिया तमिलनाडु के नेवेली में 2 गुणा 660 मेगावाट क्षमता भी जोड़ेगी।