डिजिटल इंडिया की धमक, ‘नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स’ में टॉप 50 में भारत

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नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। ‘नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024’ में भारत की रैंक 11 अंक बढ़कर 49 हो गई है। यह जानकारी सरकार ने बुधवार को दी।

वाशिंगटन, डीसी में स्थित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान, पोर्टुलन्स इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित इंडेक्स के अनुसार, देश ने न केवल अपनी रैंकिंग में सुधार किया, बल्कि अपना स्कोर बढ़ाकर 2024 में 53.63 कर लिया, जो कि 2023 में 49.93 था।

संचार मंत्रालय के अनुसार, भारत ने एआई, एफटीटीएच इंटरनेट सब्सक्रिप्शन और मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफिक जैसे कई इंडिकेटर्स में लीड किया है।

भारत ने ‘एआई साइंटिफिक पब्लिकेशन,’ ‘एआई टैलेंट कंस्नट्रेशन’ और ‘आईसीटी सर्विसेज एक्सपोर्ट्स’ में पहली रैंक हासिल की है। वहीं, ‘एफटीटीच/बिल्डिंग इंटरनेट सब्सक्रिप्शन,’ ‘देश में मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफिक’ और ‘इंटरनेशनल इंटरनेट बैंडविथ’ में दूसरी रैंक और ‘डोमेस्टिक मार्केट स्केल’, में तीसरी रैंक और टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेज में वार्षिक निवेश में चौथी रैंक हासिल की है।

रिपोर्ट में चार अलग-अलग स्तंभों, टेक्नोलॉजी, लोग, शासन और प्रभाव, में उनके प्रदर्शन के आधार पर 133 अर्थव्यवस्थाओं के नेटवर्क में रेडीनेस को परखा गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने टेक्नोलॉजी इनोवेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में उल्लेखनीय ताकत के साथ महत्वपूर्ण डिजिटल प्रगति का प्रदर्शन किया है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने भारत के दूरसंचार इन्फ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले दशक में टेली-घनत्व 75.2 प्रतिशत से बढ़कर 84.69 प्रतिशत हो गया और वायरलेस कनेक्शन की संख्या 119 करोड़ तक पहुंच गई है।

‘डिजिटल इंडिया’ के तहत टेक्नोलॉजी कंपनियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड पहुंच का विस्तार करके एक उदाहरण स्थापित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वायरलेस इंटरनेट के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 25.1 करोड़ से बढ़कर 94.4 करोड़ हो गई है।

भारत में 5जी सेवाएं 2022 में शुरू की गई और इससे देश की रैंकिंग वैश्विक मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में तेजी से 118 से सुधरकर 15 हो गई है।