सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर करेगा विचार

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नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती देने वाली शिवसेना-यूबीटी गुट द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, ज‍िसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनका खेमा ही असली शिव सेना है।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा,”हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।”

सिब्बल ने कहा,“मिलॉर्ड्स, मामला आज सूचीबद्ध होना था। यदि इसे सूचीबद्ध किया जा सकता है, तो चुनाव होंगे।”

शीर्ष अदालत ने 22 जनवरी को शिवसेना यूबीटी नेता सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था और सीएम शिंदे और 38 अन्य विधायकों से दो सप्ताह की अवधि के भीतर जवाब मांगा था।

पूर्व सीएम ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नार्वेकर के 10 जनवरी के फैसले पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया था कि सीएम शिंदे के नेतृत्व वाला समूह ही असली “शिवसेना” है, क्योंकि इसके पास विधायिका और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी बहुमत है।

याचिका में सीएम शिंदे और उनके खेमे के अन्य विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने को भी चुनौती दी गई है।

दूसरी ओर, सत्तारूढ़ शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है।

न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और एफ.पी. पूनावाला की खंडपीठ ने 14 शिवसेना-यूबीटी विधायकों और अन्य को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 8 फरवरी को तय की है।

10 जनवरी के फैसले में स्पीकर नार्वेकर द्वारा दोनों पक्षों की क्रॉस-याचिकाएं खारिज कर दिए जाने से ठाकरे के विधायक दल को अयोग्यता से बचा लिया गया।