नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए याद किया जाएगा। गृह मंत्रालय के निर्देशों पर दिल्ली पुलिस ने पूरे साल अभियान चलाकर लगभग 2200 बांग्लादेशी नागरिकों को पहचानकर उनको देश वापस भेजा। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और कानूनी व्यवस्था को मजबूती मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, 2024 में दिल्ली से केवल 14 बांग्लादेशी डिपोर्ट किए गए थे। 2023 में यह संख्या 5 और 2022 में 50 थी, लेकिन 2025 में गृह मंत्रालय के सख्त आदेशों के बाद कार्रवाई तेज हुई। विशेषकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद अभियान और तेज हो गया। दिल्ली पुलिस ने पहचान, सत्यापन और निर्वासन प्रक्रिया को तेज किया।
इनमें से अधिकांश बांग्लादेशी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे थे। उन्होंने फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाए थे। वे कई वर्षों से दिल्ली के विभिन्न इलाकों, जैसे उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम, बाहरी दिल्ली, झुग्गी-झोपड़ियों और होटलों, में छिपकर रह रहे थे। कुछ ने यहां शादी की, नौकरी की और बैंक लोन तक ले लिया।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और सभी जिला इकाइयों ने दरवाजा-दरवाजा जांच, रेड और वेरिफिकेशन ड्राइव चलाईं। एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के सहयोग से इनकी पहचान कर ट्रेन, बस और विमान से पूर्वी राज्यों (जैसे त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल) भेजा गया और पूर्वी भूमि सीमा से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया। कई मामलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जिनकी देखभाल का विशेष ध्यान रखा गया।
यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा, चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता और अवैध घुसपैठ रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दें। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया जारी रहेगी और अवैध विदेशियों के खिलाफ कोई ढील नहीं बरती जाएगी।
2025 में दिल्ली से सबसे ज्यादा बांग्लादेशी डिपोर्ट होने से साफ संदेश गया है कि अवैध प्रवासी बर्दाश्त नहीं हैं। यह कदम देश की संप्रभुता और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास है।

