पुणे, 3 अगस्त (आईएएनएस)। पुणे के कोथरूड पुलिस स्टेशन में कुछ लड़कियों से कथित तौर पर मारपीट का मामला सामने आया है। पूरे मामले को लेकर एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने रविवार रात करीब 10 बजे पुणे पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचकर पीड़ित लड़कियों से मुलाकात की।
रोहित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “ऐसी घटनाएं बाद में सामने आती हैं। इसमें दो लड़कियां शामिल हैं। दो दिन पहले कुछ लड़कियों के साथ पुलिस प्रशासन ने बहुत ही निम्न स्तर की भाषा का इस्तेमाल किया। उनका कोई दोष न होते हुए भी उनसे लगातार दो दिनों से पूछताछ की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “मराठवाड़ा की एक लड़की से मामले की शुरुआत हुई, जिस पर अन्याय हुआ। वो उस अन्याय से डरकर कहीं छुपने के लिए पुणे आई थी ताकि कोई उस पर और अत्याचार न करे। पुणे में श्वेता ताई, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और कई लड़कियों की मदद करती हैं, उन्होंने इस लड़की की भी मदद की।”
एनसीपी एसपी विधायक ने कहा, “तीन लड़कियां एक साथ पुणे में एक घर में रहती थीं। अक्सर पढ़ाई के लिए लड़के-लड़कियां पुणे में अलग-अलग किराए पर रहते हैं। तीन लड़कियों के घर पर उस पीड़ित लड़की को रात में आश्रय दिया गया ताकि वह सुरक्षित रह सके। अगले दिन वह वहां से चली गई। अचानक पुलिस के कुछ अधिकारी वहां पहुंचे। एक लड़की को उसके काम के स्थान से बिना वारंट गाड़ी में बैठाकर सबके सामने उठा लिया गया और फिर बाकी दो लड़कियों को भी बिना किसी वारंट के पूछताछ के लिए ले जाया गया। जहां पुरुष पुलिसकर्मियों ने अपमानजनक टिप्पणियां की और महिला कॉन्स्टेबल ने बेहद घटिया स्तर की बातें कीं।”
रोहित पवार ने कहा, “कोथरूड पुलिस स्टेशन की पीएसआई प्रेमा पाटिल और उनकी एक महिला मित्र जो कि पुलिस अधिकारी नहीं हैं, उन्होंने भी लड़कियों से पूछताछ की। पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है, जो बहुत ही गंभीर बात है।”